समाजवादी पार्टी के पार्टी अध्यक्ष बनने को लेकर आगरा में सभा के दौरान निवार्चन अधिकारी और सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल ने अखिलेश यादव को निर्विरोध पार्टी अध्यक्ष घोषित कर दिया. यह कार्यक्रम अखिलेश यादव के पिता और उनके प्रतिद्वंदी शिवपाल यादव की गैरमौजूदगी में हुआ. यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है कि उनको बुलाया नहीं गया या वह खुद अपनी मर्जी से इस सभा में शामिल नहीं हुए.
समाजवादी पार्टी परिवार के आपसी मतभेद की जानकारी हर किसी को है ऐसे में समाजवादी पार्टी के संस्थापक और अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव का सभा में शामिल ना होना पारिवारिक कलह को और चमकाता नजर आ रहा है. ना केवल अखिलेश यादव के पिता बल्कि उनके चाचा और शिवपाल यादव भी इस सभा से नदारद रहे.
3 साल से बढ़ाकर पार्टी अध्यक्ष कार्यकाल की सीमा 5 साल की
सपा के दसवें राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 वर्ष तक हुआ करता था मगर गुरुवार को सपा पार्टी की कार्यकारिणी बैठक के अनुसार पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल से बढ़ाकर 5 साल कर दिया गया इसके चलते अखिलेश यादव जी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रमुख रहेंगे.
क्या अब मुलायम सिंह यादव बनाएंगे नई पार्टी
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा नई पार्टी बनाने की अफवाहे, आये दिन गर्मागर्मी पर रहती हैं मगर हालही में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह अखिलेश यादव के फैसलों से नाराज हैं मगर नई पार्टी नहीं बना रहे हैं. अगर पार्टी अध्यक्ष चुनाव की सभा में मुलायम सिंह यादव को शामिल नहीं किया गया है तो इस पर उनका यह मत बदल भी सकता है