फोटो मे जो आप नंदी बाबा को देख रहे है, जिनके नाक मे लोहे का तार है और तार मे पिरोया गया है खाली टिनों
को, और ये इसलिए किया गया है कि, जब भुखा नंदी ,अपना पेट भरने के लिए किसी के खेत मे जाये तो, टिन की
आवाज से खेत मालिक को पता चल जाये की नंदी आ रहा है और वो भुखे नंदी बाबा पर लाठियां बरसा सके,शर्म
आनी चाहिए ऐसी मानसिकता पर हम लोग जो अपने आप को बुद्धिमान कहते है.
हमने, किसी ने दस बिघा, किसी ने पचास बिघा तो किसी ने सौ बिघा जमीन पर बाड़ लगवा ली, तार बंदी करा ली, और कहने लगे की ये हमारी है, सिर्फ हमारी इन साडों का गायों का अन्य जिव जन्तु कोई अधिकार नही तो कभी सोचा है हमने, की धरती पर जन्म लेकर तो ये तमाम जिव भी आये हैं, फिर इनकी जमीनें कहां गई, क्योंकि पूर्वज तो इनके भी रहें
हैं, यहां, फिर मालिक हम अकेले कैसे हो गये, ,इनकी जमीन कहा गई? आप कहेंगे बाईसा गौचर भुमी इनकी हैं,
तो हमे यहां अपनी भुल सुधार लेनी चाहिए की गोचर भूमि अब केवल नाम की गोचर भूमि हैं, जहां सब कुछ हो
सकता है लेकिन गाय नही चर सकती या तो भू माफिया ने कब्जा कर लिया या किसी और ने लेकिन गाय के काम नही आयेगी गोचर की जमीन.
फिर भुखा जिव कही जाकर अपना पेट भरे तो उपरोक्त उपाय कर दिये जाते है, मेरी अपिल है सभी से गौ वंश के साथ ऐसा अत्याचार कदापि ना करें, ,कोई अन्य भी करे तो रोकें, गौचर भूमि गाय की है, वो गाय की ही रहे, ऐसा हम प्रयास करें कही कब्जा हुआ है तो हम उसे मुक्त करायें, क्योंकि गाय कोर्ट मे जाकर अपने अधिकार के लिए नही लड़ पायेगी, ये हमे ही करना है.