भारत के संविधान के 67साल पूरे होने पर देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए सभी देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतके सविधान के सामने आए दिन बड़ी चुनौतिया देखने को मिलती है लेकिन हमारे देश के संविधान समय के साथ हर परीक्षा को पास किया है।
आगे कार्यक्रम संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि हमारे संविधान ने हर वर्ग के लोगों को एक जैसा देखा है इसलिए समय समय पर पेश आने वाली हर उस आशंकाओं को खारिज किया है, जो जनता को परेशान करती थी, और आगे आने वाली चुनौतियों को भी समय रहते हमारा संविधान समाधान कर देगा।
कार्यक्रम में संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि आज का दिन संविधान के निर्माताओं को नमन करने का दिन है। क्योंकि उन्ही के कारण हमारा संविधान आज इतना लचीला और सक्षम है।
बता दे कि भारत के संविधान को विशव के सभी देशों में सबसे लचीला संविधान कहा जाता है। आगे कार्यक्रम मे मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि संविधान ने हर परिस्थिति में देश को एकजुट रखने की ताकत है। यह जितना जीवंत है उतना ही संवेदनशील है। लेकिन जिस तरह हमारा संविधान देश की जनता के साथ लिबरल है क्या जनता भी उन मर्यादाओं का पालन कर रही हैं, जिसकी उम्मीद हम संविधाव के और लचीले होने की करते है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे नौजवान देश है। इस नौजवान ऊर्जा को दिशा देने के लिए देश की हर संवैधानिक संस्था को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।21वीं सदी में भारत को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए और न्यू इंडिया बनाने के लिए हम सभी को संकल्प लेना होगा। हमें साथ मिलकर काम करने और एक दूसरे को मजबूत करने का संकल्प लेना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान विज्ञान भवन में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा भी मौजूद थे।