दक्षिण अफ्रीका का केपटाउन न केवल प्राकृतिक सुंदरता में अद्वित्य स्थान रखता है, बल्कि इसके सुनहरे और चमकते हुए समुद्री बीच भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहते हैं। इसी विचार को ध्यान में रखते हुए यदि विश्व के सबसे प्रमुख दर्शनीय और पर्यटन स्थल की पुकार पर यदि आप वहाँ 22 अप्रैल 2018 के बाद जाने का प्रयास करें तो अपने साथ पानी का इंतेजाम जरूर कर लें। इसका मुख्य कारण यह है की विश्व प्रसिद्ध यह शहर शताब्दी का सबसे बड़े सूखे का सामना कर रहा है और इसका अंदाज़ा इस शहर में जगह-जगह पानी के लिए नागरिकों की लंबी कतारों को देखकर लगाया जा सकता है।कहाँ सूख रहा है पानी:
केपटाउन के अधिकारियों ने 22 अप्रैल 2018 की तिथि निश्चित की है जब शहर का हर नल और पानी का स्त्रोत पूरी तरह से सूख जाएगा। हालांकि इस स्थिति से बचाव के लिए नागरिक प्रशासन ने अभी से ज़मीन से पानी खींचने के लिए प्लांट और बोरवेल लगाने का काम शुरू कर दिया है।
वर्ड ट्रेवल और टूरिज़म काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार इस शहर में लगभग 2 लाख पर्यटक सुनहरे चमकते हुए समुद्र और समुद्री किनारों का आनंद लेने के लिए हर वर्ष आते हैं। इसके अतिरिक्त टेबल माउंटेन जैसे पहाड़ और निकट के वाइन यार्ड्स से हजारों क़िस्मों की वाइन का आनंद भी पर्यटकों की पहली पसंद में शामिल है। इस प्रकार इस अकेले शहर के पर्यटन से लगभग 33$ बिलियन का योगदान होता है जो कुल 412 बिलियन रांड का 9% है।
सरकारी कोशिश:
सरकारी प्रयासों के लिए केपटाउन के पानी के लिए बनी मेयरोल कमिटी के काउन्सलर एक्सन्था लिम्बर्ग ने कहा है कि 22 अप्रैल 2018 तक शहर पानी का स्तर शून्य पर पहुँचने की संभावना है। उनका मानना है की हो सकता है की शहर के निवासियों को भी पानी लेने के लिए कतार लगानी पड़ जाये। इस स्थिति में सरकार की ओर से प्रत्येक व्यक्ति को 25 लीटर पानी प्रति दिन के अनुसार ही उपलब्ध करवाया जाएगा।
कुछ अधिकारियों का कहना है की पानी की किल्लत को देखते हुए पहले ही सरकार ने 87 लीटर प्रति व्यक्ति की सीमा बांध दी थी, जिसकी अनदेखी केपटाउन शहर के निवासियों और पर्यटकों द्वारा की गई है। केपटाउन शहर में धनी-मानी लोगों के निवास हैं जहां स्विमिंग पूल और पानी के स्प्रिंकल बड़ी मात्रा में हैं।
नागरिकों का प्रयास:
लेकिन कुछ जागरूक नागरिक सरकार की इस मुहिम में उसके साथ हैं। इस काउंसिल के एक अधिकारी का यह भी मानना है की इतना होने पर भी कुछ निवासी पानी बचाने की मुहिम में साथ भी दे रहे हैं।
इसके अतिरिक्त होस्पिटलिटी इंडस्ट्री में लगे लोग भी पानी बचाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं जिसके लिए वो किचन के बर्तन और बागों में दिये जाने वाले पानी का इस्तेमाल यथा संभव कम कर रहे हैं।
इसी दिशा में सरकार की ओर से प्रति दिन का पानी का खर्च कम करके 500 मिलियन करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है जो की दो वर्ष पहले किए जाने वाले उपभोग का लगभग आधा भाग है।
पाँच सितारा होटल गाइब्रिल बोल्टोन के प्रवक्ता का कहना है की इस मुश्किल घड़ी का सामना करने का प्रयास शहर के हर व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है और इस बात का पूरा प्रयास किया जा रहा है की शहर पानी के शून्य स्तर तक न पहुंचे।
इन प्रयासों की सुरक्षा में उच्चाधिकारी ही नहीं बल्कि सुरक्षा गार्ड भी लगे हुए हैं जो पानी को शून्य होने से बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। यह सभी गार्ड न्यूलैंड ब्रियोरी की 25 लीटर की मुफ्त पहाड़ी धारा पर मिलने वाले पानी की निगरानी कर रहे हैं जहां से कोई गलत तरीके से पानी का संग्रहण न कर सके।
दक्षिण अफ्रीका की गर्मियों में इसी ब्रियोरी का मशहूर स्विमिंग पूल पानी के कम प्रयोग को देखते हुए दो महीने के लिए बंद कर दिया गया है
शहर के अधिकारियों ने यह भी बताया है की नजदीकी बांध के पानी का स्तर गिरकर नए वर्ष के पहले सप्ताह में 30 प्रतिशत कम हो गया है और इसका केवल 19.7 प्रतिशत पानी ही इस्तेमाल के लायक रह गया है।