महाराष्ट्र किसान आंदोलन धीरे-धीरे असर दिखाने लगा है जिसके चलते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बड़ा फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सरकार ने सारे केस वापस ले लिए हैं और खबर के मुताबिक इस मामले में दर्द सभी दोषियों पर लगे मुकदमे हटाए जाएंगे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भीमा कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी सेना में पेशवा की सेना को हराया था जो एक गौरवपूर्ण वाक्य है. ऐसा माना जाता है कि दलित नेता भी इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं और समझा जाता है कि तब उचित समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे. हालांकि पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस ‘ब्रिटिश जीत’ का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था.
Maharashtra Govt to withdraw cases against accused booked in violence during state bandh post bhima koregaon agitation, decision on serious cases to be taken by a committee after due consideration.
— ANI (@ANI) March 13, 2018
यह तो हम सभी जानते हैं कि 2019 के चुनावों में बीजेपी वोट बैंक बचाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है मगर 2018 की शुरुआत इतनी अच्छी नहीं हुई इस हिंसा ने पूरे महाराष्ट्र में तनाव बढ़ा दिया है जिसमें कई गाड़ियां जली है जिग्नेश मारवाड़ी पर केस दर्ज हुआ है और सबसे ज्यादा महाराष्ट्र की जातीय घटना ने तूल पकड़ा है.
अगर जल्द ही बड़े फैसले ना लिए गए तो 2019 के चुनावों में बीजेपी के वोट बैंक को सेंध लग सकती है और अगर बात करें किसान महारैली की तो किसान महारैली ने आदिवासियों और दूसरे वर्ग को सरकार के सामने ला खड़ा कर दिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ-साथ नरेंद्र मोदी के माथे पर भी चिंताएं साफ नजर आ रहे हैं.