हिंदुस्तान की महान रेसलर सनी गोदारा के तेजाजी जयंती समारोह पर पनेर आगमन पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
तेजाजी जयंती समारोह 30 जनवरी से 3 फरवरी 2018 स्थान तेजाजी कर्मभूमि पेमल जन्मभूमि शहर पनेर तहसील रूपनगढ़ जिला अजमेर कुश्ती सामान्यत: पुरुषों का खेल माना जाता है। इसके दावपेच और खेलने के तरीके भी सामान्यत: पुरुषों को ही रास आते हैं लेकिन श्रीगंगानगर शहर में है एक एेसी महिला कुश्ती खिलाड़ी जिसने लीक से हटकर मुकाम बनाया है।
पुरुषों के वर्चस्व वाले इस खेल में न केवल अपना मुकाम बनाया बल्कि डब्ल्यूडब्ल्यूई में हाथ आजमा चुके ‘गे्रट खली’ से प्रशिक्षण भी ले रही है। यह खिलाड़ी है एसएसबी रोड निवासी उर्मिला गोदारा उर्फ सन्नी जाट। उर्मिला जिले के रायसिंहनगर क्षेत्र के गांव 68 आरबी की मूल निवासी है तथा दो वर्ष पहले श्रीगंगानगर आई और तब ही से उनका कुश्ती प्रेम जागा और उसने चुना डब्ल्यूडब्ल्यूई का रास्ता। रिंग में नाम मिला सन्नी उर्मिला बारहवीं तक शहर के गुरुनानक बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ी। यहां उसने कबड्डी खेली और धीरे-धीरे रुझान कुश्ती की तरफ हुआ।
वह खेलों में नाम रोशन करना चाहती थी और इसलिए उसने डब्ल्यूडब्लयूई में कुश्ती करने का रास्ता चुना। उर्मिला फ्री स्टाइल कुश्ती रिंग में ‘सन्नी जाट’ के नाम से उतरती है। इंटरनेट से जुटाई खली की जानकारी सन्नी की कुश्ती प्रेम जागा तो उसके पिता जैमलराम गोदारा ने भी उसे पूरा सहयोग दिया।
पिता का प्रोत्साहन पाकर उसने इंटरनेट से ग्रेट खली के बारे में जानकारी जुटाई और जालंधर में उसकी एकेडमी में भर्ती हो गई। वहां एक वर्ष का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उसने जालंधर में प्रति सप्ताह होने वाले शो में अपनी प्रतिभा दिखाई और जीत दर्ज की। उसने अपनी पहली फाइट पंजाब की रीटा रेसलर और हरियाणा की कविता दलाल से लड़ी और जीत हासिल की। अब दिया ट्राइ आउट सन्नी ने डब्ल्यूडब्ल्यूई में फाइट के लिए ट्राइ आउट दिया है।
इसके लिए उसनेपंजाब की रीटा रेसलर और दिल्ली की बीबी बुलबुल से त्रिकोणीय फाइट लड़ी। इस फाइट का परिणाम अगले कुछ दिन में आएगा। इसके साथ ही उसका उदयपुर में होने वाली एक फाइट के लिए चयन हुआ है। इस फाइट में वह अंतरराष्ट्रीय फ्री स्टाइल कुश्ती खिलाडि़यों से भिड़ेंगी। राजस्थान की पहली खिलाड़ी का दावा सन्नी ने राजस्थान की पहली ऐसी खिलाड़ी होने का दावा किया है, जो इस खेल से जुड़ी हैं। वे बताती हैं कि उसके साथ ही कई खिलाडि़यों ने उसके खेल को देखा, पहले पहल तो इसके प्रति रुचि दिखाई जब इसमें जान का खतरा देखा तो पांव पीछे हटा लिए।
इस खेल में जान का खतरा है लेकिन अपना और प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए इतना जोखिम उठाना तो जरूरी है रिंग में नाम मिला सन्नी उर्मिला बारहवीं तक शहर के गुरुनानक बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ी। यहां उसने कबड्डी खेली और धीरे-धीरे रुझान कुश्ती की तरफ हुआ। वह खेलों में नाम रोशन करना चाहती थी और इसलिए उसने डब्ल्यूडब्लयूई में कुश्ती करने का रास्ता चुना। उर्मिला फ्री स्टाइल कुश्ती रिंग में सन्नी जाट के नाम से उतरती है।
इंटरनेट से जुटाई खली की जानकारी सन्नी की कुश्ती प्रेम जागा तो उसके पिता जैमलराम गोदारा ने भी उसे पूरा सहयोग दिया। पिता का प्रोत्साहन पाकर उसने इंटरनेट से ग्रेट खली के बारे में जानकारी जुटाई और जालंधर में उसकी एकेडमी में भर्ती हो गई। वहां एक वर्ष का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद उसने जालंधर में प्रति सप्ताह होने वाले शो में अपनी प्रतिभा दिखाई और जीत दर्ज की। उसने अपनी पहली फाइट पंजाब की रीटा रेसलर और हरियाणा की कविता दलाल से लड़ी और जीत हासिल की।
अब दिया ट्राइ आउट सन्नी ने डब्ल्यूडब्ल्यूई में फाइट के लिए ट्राइ आउट दिया है। इसके लिए उसनेपंजाब की रीटा रेसलर और दिल्ली की बीबी बुलबुल से त्रिकोणीय फाइट लड़ी। इस फाइट का परिणाम अगले कुछ दिन में आएगा। इसके साथ ही उसका उदयपुर में होने वाली एक फाइट के लिए चयन हुआ है। इस फाइट में वह अंतरराष्ट्रीय फ्री स्टाइल कुश्ती खिलाडि़यों से भिड़ेंगी।
राजस्थान की पहली खिलाड़ी का दावा सन्नी ने राजस्थान की पहली ऐसी खिलाड़ी होने का दावा किया है, जो इस खेल से जुड़ी हैं। वे बताती हैं कि उसके साथ ही कई खिलाडि़यों ने उसके खेल को देखा, पहले पहल तो इसके प्रति रुचि दिखाई जब इसमें जान का खतरा देखा तो पांव पीछे हटा लिए। इस खेल में जान का खतरा है लेकिन अपना और प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए इतना जोखिम उठाना तो जरूरी है।
[स्रोत- धर्मी चन्द जाट]