भारतीय हिंदू संस्कृति में व्रत और त्योहारों का बहुत महत्व है। जब बात श्रद्धा की आती है तो लोग अपने स्वास्थ्य को यहां तक कि खुद को भी भूल जाते हैं। हालांकि व्रत से हमारे शरीर और मन को संतुलित बनाने में मदद मिलती है। कल से यानी कि 21 सितंबर से नवरात्रि प्रारंभ हो रहे हैं और नवरात्रि व्रत को लेकर लोगों में अपार श्रद्धा और प्रेम की भावना देखने को मिलती है। किसी भी व्यक्ति द्वारा व्रत रखने का निर्णय उसका व्यक्तिगत निर्णय होता है लेकिन बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति को व्रत के साथ साथ स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं पर भी ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायराइड और अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को व्रत रखने के दौरान खानपान और आहार के संबंध में अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
इन सभी समस्याओं से ग्रसित व्यक्ति व्रत के दौरान निम्नलिखित बातों पर ध्यान दे सकते हैं जैसे-
1-: अगर आप हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के पेशेंट हैं और आप नवरात्रि का व्रत रखने का सोच रहे हैं तो व्रत रखने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेंं जिससे डॉक्टर आपकी दवाई की डोज में परिवर्तन कर सकता है। डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयां ग्रहण करें।
2-: हाई ब्लड प्रेशर वाले व्यक्ति व्रत रखने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि वह व्रत में बिना नमक का खाना ना खाएं। 9 दिनों तक रहने वाले व्रत में अगर आप नमक नहीं खाएंगे तो ब्लड प्रेशर के सामान्य से नीचे आने की संभावना अधिक हो जाती है जिससे आपको शारीरिक कमजोरी महसूस हो सकती है।
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3-: डाइबिटीज और हाई ब्लड प्रेसर वाले मरीजों को व्रत में आहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है जैसे अधिक वसा युक्त खाना नहीं खाना चाहिए अधिक वसा युक्त खाने में मूंगफली, तले हुए मेंवे, पूरी, कचौरी , फ्राइड आलू, चिप्स पापड़ आदि आते हैं। इस तरह का आहार लेने से बसा और नमक की अधिक मात्रा आप की बीमारी के स्तर को और अधिक बढ़ा सकती है।
4-: नमक के अधिक सेवन से बचने के लिए व्रत में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जा सकता है परंतु सेंधा नमक भी किडनी पेशेंट के लिए अच्छा नहीं माना जाता, साथ ही जिन व्यक्तियों के खून में पोटेशियम की मात्रा अधिक हो वह भी सेंधा नमक का सेवन ना करें।
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5-: डायबिटिक पेशेंट को व्रत के दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है जैसे व्रत में हर दो-तीन घंटे के बाद कुछ ना कुछ खाते रहेंं, ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें क्योंकि वृत में डायबिटीज पेशेंट को शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इसीलिए डायबिटीज पेशेंट को कई घंटे तक खाना खाए बिना नहीं रहना चाहिए और एक साथ भी अधिक खाना नहीं खाना चाहिए।
6-: डायबिटीज के पेशेंट अपने खाने में ऐसी खाद्य सामग्री का प्रयोग करें जिससे खून में शर्करा की मात्रा ना बढें। खाद्य सामग्री में फल, बादाम, अखरोट, कुट्टू की पूरी या रोटी, खीरा रायता, ताजा पनीर, नारियल पानी, सवांं के चावल आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है।