25 दिसम्बर को महाराजा सूरजमल फाउन्डेशन सीकर द्वारा भरतपुर संस्थापक लोहागढ़ नरेश महाराजा सूरजमल के प्रतिमा के सम्मुख फुल चढाकर बलिदान दिवस मनाया गया। आदर्श युवा जाट महासभा राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र सिंह जाखड़ ने सूरजमल के जीवन पर प्रकाश डाला एवं युवाओ को सूरजमल की तरह कठोर पराक्रमी योद्धा बनकर अपने लक्ष्य की तैयारी करनी चाहिए। जाखड साहब के विचार निम्न प्रकार रहे-
हुई मसल मशहूर विश्व में, आठ फिरंगी नौ गोरे।
लड़ें किले की दीवारों पर, खड़े जाट के दो छोरे।।
शौर्य दिवस पर भारत भूमि के अमर बलिदानी योद्धाओं व वीर सपूतों को सादर कोटि-कोटि प्रणाम….
राजा झुके, झुके मुगल-रजपूत-मराठे, झुका गगन सारा।
सारे जहां के शीश झुके,पर कभी ना झुका सूरज हमारा।।
विश्व सिरमौर, हिन्द गौरव, शान-ए-हिन्द, हिन्दधरा के अजय महायोद्धा, हिन्द देश के सूरज, विश्व इतिहास की गौरवपूर्ण विभूति, युग निर्माता, न्याय प्रिय, सर्वधर्म रक्षक, शौर्य सपूत, युग पुरुष, महाबली, पराक्रमी योद्धा, वीरता- स्वाभिमान-देशभक्ति-सच्चाई -मानवता व उज्ज्वल चरित्र के प्रतीक, मातृभूमि के सच्चे सपूत, मातृभूमि रक्षक, प्रजा पालक, न्याय योद्धा, रणभूमि में सात संयुक्त सेनाओं को परास्त करने वाले शूरवीर, वीर शिरोमणि, अमर बलिदानी, भरतपुर संस्थापक, लोहागढ़ नरेश, ब्रजराज महाराजा सूरजमल जी के बलिदान दिवस “शौर्य दिवस” पर सादर कोटि कोटि नमन…।56 वसंत की आयु में भी, वह शेरों से खुला भिड़ जाता था।
जंगी मैदानों में तलवारों से, वैरी मस्तक उड़ा जाता था।।
वीरों की सदा यह पहचान रही है, रणसमर में देते बलिदान है।
इस सूरज ने वही इतिहास रचा, शत शत तुम्हें प्रणाम है।।
महेंद्र सिंह जाखड़ ने आगे अपनी बात को जारी रखते हुए युवाओ को महाराजा सूरजमल के जैसे बनने और सच्चाई तथा परिश्रम के रास्तो पर चलने की नसीहत दी.
[स्रोत- धर्मी चंद]