दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब मे जेडीयू नेता शरद यादव बिहार के महागठबंधन से नाता तोड़ भाजपा मे शामिल हुए नीतीश कुमार से अलग रूख अख्तियार कर साझी विरासत बचाओ के नाम से एक सम्मेलन कर रहे है. इस सम्मेलन मे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित 17 राजनीतिक दलों के नेता शामिल हो रहे हैं.
नीतीश के महागठबंधन तोड़ने से शरद यादव ने एक सियासी पैंतरा अपना लिया है. वह अब खुद की सियासी राह को तलाशने मे लगे है. आपको बता दे कि नीतीश के बाजपा मे जाने से दोनो के बीच अब खट्टास का माहौल देखने के मिल रहा है. शरद यादव का कहना है कि दोनों के बीच करीब बीस साल पुरानी दोस्ती पर पूर्णविराम लग गया है. नीतीश ने शरद को राज्यसभा में अपने संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया गया है. साथ ही शरद के करीबी 21 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया है.
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अब अपने सासी करियर को बचाने के लिए शरद यादव को कई पैंतरे अपनाने होंगे, उन्हे अपने राजनीतिक करियर को बचाने के लिए अलग राह तलाशनी होगी. जिस कारण आज वे 17 पार्टियो के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे. शरद यादव का कहना है कि उनका यह सम्मेलन किसी के खिलाफ नही है बल्कि देश की साझी विरासत बचाने की कोशिश के तहत इसका आयोजन किया गया है.