68 साल बाद इतिहास दोहराने को तैयार 2018 का गणतंत्र दिवस

जी हां, इस बार का गणतंत्र दिवस इतिहास दौराने को तैयार है क्योंकि भारत ने 26 जनवरी 1950 को अपना पहला गणतंत्र दिवस मनाया था और उस गणतंत्र दिवस में मुख्य अतिथि के रुप में दक्षिण पूर्व एशिया के दिग्गज नेता और इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो थे. स्वतंत्र भारत के गणतंत्र दिवस लागू होने के 68 साल बाद एक बार फिर से इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदोको गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित किया है. Republic Dayआपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2018 के गणतंत्र दिवस पर ना केवल इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ही नहीं बल्कि भारत में आसियान के नौ अन्य राष्ट्राध्यक्षों को भी इस ऐतिहासिक पल के लिए आमंत्रित किया है. और ऐसा पहली बार है जब गणतंत्र दिवस पर दो अतिथियों से ज्यादा को आमंत्रित किया गया है.

सभी अतिथि गणतंत्र दिवस की परेड में भारत की सैन्य क्षमता और सांस्कृतिक विविधता के गवाह बनेंगे. अतिथियों के साथ-साथ अधिक जनसंख्या आने का अनुमान लगाया जा रहा है इसलिए राजपथ की VIP स्टैंड को चौड़ा कर दिया गया है और सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं और अगर आपको याद हो तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि 26 जनवरी 2018 गणतंत्र दिवस को विशेष रूप से याद रखा जाएगा.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में म्यानमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो, सिंगापुर की PM ली सीन लूंग, मलेशिया के पीएम नजीब रजक, थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओ चा, वियतनाम के पीएम गुयेन जुआन फक, फिलीपींस के रॉड्रिगो डूटर्ट, कंबोडिया के पीएम हुन सेन, लाओस के पीएम थोनगलोउन सिसोउलिथ और ब्रुनई के सुलतान हसनल बोल्किया हिस्सा लेंगे.PhirBhiNews Whatsapp Banner

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