एक बार फिर आधार कार्ड बनवाने के लिए लगी भीड़ लेकिन इस बार ऐसे वैसे लोगों का नहीं जीरो साल से जितने भी ऊपर के बच्चे है। कोई नहीं जानता की सरकार के इरादे क्या है लेकिन हर बार तकलीफे जनता को ही उठानी पड़ती है चाहे कोई भी सरकार हो। लेकिन सरकार को इससे क्या जो गरीब मजदूर किसी तरह अपने परिवार का पालन कर रहा है उसे भी एक बच्चे के आधार कार्ड के लिए 100 रूपये से भी ज्यादा आधार कार्ड को बनवाने के लिए देना पड़ रहा है। इसके अलावां तकलीफ़ बोनस के रूप में मिल रहे सो अलग।राशन कार्ड बनवाने के लिए जहाँ केवल मुखिया का ही आधार कार्ड लगता था वही अब पैदा हुए बच्चों का भी आधार कार्ड लिया जा रहा है बिना आधार कार्ड के अब राशन कार्ड भी नहीं बन रहे है। लोगों को इस ठंडी के मौसम में छोटे बच्चों के साथ घंटो तक लाईन में खड़ा रहना पड़ रहा है सड़को पर उसके बावजूद भी समय रहते नहीं बन पा रहे आधार कार्ड।
अगर प्रशासन को जनता को आधार से जोड़ना ही हैं तो कुछ जरूरी कदम भी उठाये जिससे जनता को भी परेशानी का सामना न करना पड़े. सरकार को गांवो में कैम्प लगवाने चाहिए जिससे जनता को इन परेशानियों से कुछ रहत मिल सके अगर जनता सरकार की मदद कर रही हैं तो सरकार को भी जनता की मदद करनी चाहिए।
[स्रोत- अभय चौधरी]