महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सी विद्याराव और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उपस्तिथी में मंत्रालय और विधिमंडल वार्ताहर संघ के पत्रकारों को राजभवन में पुरस्कारों का किया वितरण उस समय पर्यटन मंत्री जय कुमार रावल भी मौजूद थे ।
उत्कृष्ट पत्रकारिता पुरस्कार सुहास सरदेशमुख, सरिता कौशिक और संदीप अशर इनको प्रदान किये गये । जीवनगौरव पुरस्कार से श्री विजय वैद्य को नवाजा गया । पत्रकारिता लोकतंत्र का अविभाज्य अंग है।
पत्रकार उस व्यक्ति को कहते हैं जो घटनाओं को लोगों, के पास मुद्दों आदि पर सूचना एकत्र करता है एवं जनता में उसे विभिन्न माध्यमों की मदद से फैलाता है। इस व्यवसाय या कार्य को पत्रकारिता कहते हैं।
भारत में पत्रकरिता का आरंभ 1780 में जेम्स ओगस्टस हीकी का अख़बार ‘बंगाल गज़ेट’ था। अख़बार में दो पन्ने थे और इस में ईस्ट इंडिया कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों की व्यक्तिगत जीवन पर लेख छपते थे।
ये सभी लेख अंग्रजी में रहते थे । 1819 में भारतीय भाषा में पहला समाचार-पत्र प्रकाशित हुआ था। पत्र का नाम संवाद कौमुदी’ था। उस के प्रकाशक राजा राममोहन राय थे। 1822 में गुजराती भाषा का साप्ताहिक ‘मुंबईना समाचार’ प्रकाशित हुआ ।
पत्रकार को जिस तरह मान सन्मान मिलता है । उस तरह की जोखीम उटानी पडती है और कोई भी न्यूज़ देने से पहले दस बार सोचना पडता है । की हम लोग जो न्यूज़ दे रहे है । वह न्यूज़ सही है या झूट है । आगार न्यूज़ सही है तो पत्रकार का बहुत अच्छा सन्मान होता है ।
न्यूज़ गलत है तो सामने वाला हमारे ऊपर मानहानी का दावा करता है । आज हमारे समाज कई सारे अच्छे और बुरे लोग है । पत्रकार का सबसे महत्वपूर्ण काम ये रहाता है की सही न्यूज़ को जनता के पास पहूँचना ।
[स्रोत- बाळू राऊत]