8 नवंबर 2016 को पूरे देश में नोटबंदी का ऐलान किया था. यह भारत में भ्रष्टाचार चर्चा और आन्दोलनों का एक प्रमुख विषय रहा है। आजादी के एक दशक बाद से ही भारत भ्रष्टाचार के दलदल में धंसा नजर आने लगा था मोदी जी ने 500 और 1000 रूपये के नोट का विमद्रीकरण किया तो पूरे देश मैं हडकंप मच गया था.सड़को पर चारो ओर ‘मोदी सरकार, हाय हाय’ के नारे लगाए गए. इस समय जदयु के कपिल पाटील ने कहा कि नोटबंदी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था नष्ट हो गयी और छोटे व्यापारी, किसानो, शिक्षकों तथा सामन्य नागरिको को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
आक्रोश जताते हुए कपिल पाटील ने कहा कि नोटबंदी से देश में बेरोजगारी बढ़ गयी हैं. लाखो-करोड़ो युवाओ के रोजगार चले गए हैं. यह सरकार महंगाई को 3 सालो में रोकने में भी नाकाम रही हैं ओर शिक्षा क्षेत्र में में इसका बुरा असर पड़ा हैं. नोटबंदी के कारण आज पूरा देश रस्ते पर आ गया हैं.
इतना ही नहीं आंदोलन में मोदी सर्कार के नारे ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’ को कुछ इस प्रकार कहा गया ‘मोदी के अच्छे दिन, लोगो के बुरे दिन’ इसी प्रकार मुंबई के जनता ने सड़को पर उतरकर नोटबंदी के 1 साल पूरे होने पर जगह जगह काला दिवस आंदोलन किया और नोटबंदी के समय शहीद हुए 152 भारतीयों को श्रध्दान्जलि अर्पित की.
ऐसा नहीं सिर्फ मुंबई बल्कि देश अलग अलग राज्यों में भी 8 नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाया और मोदी सरकार का विरोध किया.
[स्रोत- बालू राऊत]