मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को समृद्ध बनाने के लिए प्रस्तावित विकास योजनाओं को मूर्तरूप देने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएं। वर्तमान विकसित पर्यटन स्थलों के साथ ही नवीन पर्यटन स्थलों में आवश्यक अधोसंरचना निर्माण के लिए तेजी से कार्य किए जाएं। पर्यटन के क्षेत्र में निवेश वृद्धि के प्रयास हों। युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलें, इस दृष्टि से भी पर्यटन विकास गतिविधियों का संचालन किया जाए। प्रदेश की पर्यटन संभावनाओं का दोहन प्रदेश की जनता के लिए लाभकारी रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के संचालक मंडल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिवशेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव नगरीय विकास श्री मनीष सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के स्थानों पर विभिन्न उत्सवों के माध्यम से पर्यटन विकास की संभावनाओं को साकार करने के निर्देश दिए। उज्जैन में गत 1 मार्च को महाशिवरात्रि पर मंदिरों और नदी घाटों को दीपों से सुसज्जित किया गया था। इसी तरह आगामी 10 अप्रैल को श्रीरामनवमी के अवसर पर भगवान राम राजा की नगरी ओरछा में दीपोत्सव का आयोजन होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसके लिए पर्यटन, संस्कृति विभागों के साथ ही अन्य सहयोगी एजेंसियों और जिला प्रशासन को तैयारियां प्रारंभ करने के निर्देश दिए। चित्रकूट में भी श्री रामनवमी पर प्रात:काल विशेष कार्यक्रम के लिए रुपरेखा बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उज्जैन में आमजन ने उत्साह के साथ दीप जलाए थे। ओरछा के दीपोत्सव को भी विशेष बनाया जा सकता है। इसके लिए समन्वय से कार्य प्रारंभ कर मूर्तरुप प्रदान किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खजुराहो उत्सव और अन्य कार्यक्रमों से अधिक संख्या में आमजन को जोड़े जाने के लिए कार्यक्रमों के स्वरूप को निर्धारित करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पर्यटन क्षेत्र में निवेश के प्रयासों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने हेरिटेज परिसंपत्तियों में से आवंटित परिसंपत्तियों के माध्यम से रोजगार सृजन बढ़ाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 79 पर्यटन परियोजनाओं के लिए 104 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। कुल 1517 करोड़ का निवेश किया गया है, जिसके फलस्वरूप 22 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिल रहा है। एक हजार हेक्टेयर से अधिक का भूमि बैंक भी तैयार किया गया है। पांच हेरिटेज सम्पत्तियां आवंटित की जा चुकी हैं। इनमें खजुराहो स्थित राजगढ़ पैलेस, रीवा स्थित गोविंदगढ़ पैलेस भी शामिल हैं। निजी क्षेत्र के सहयोग से मिडवे ट्रीट, हाइवे ट्रीट सफलतापूर्व संचालित हो रहे हैं। इनसे करीब 3 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। प्रदेश में 75 मार्ग सुविधा केंद्र विकसित किए गए हैं। प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देते हुए 15 रोड शो भी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग से युवा कलाकारों को अभिनय और फिल्म निर्माण से जुड़े अन्य कार्यों को करने का अवसर मिलता है। रोजगार के अवसरों में वृद्धि होती है। इसे प्रोत्साहित किया जाए। प्रमुख पर्यटन ने बताया कि मध्यप्रदेश फिल्म पर्यटन नीति-2020 के अंतर्गत गतिविधियों का संचालन हो रहा है। अब तक प्रदेश में करीब 200 फिल्म, धारावाहिक और वेब सीरीज के लिए शूटिंग का कार्य हो चुका है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 6 फिल्म समारोह में मध्यप्रदेश की भागीदारी रही है। फिल्म परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश के पर्यटन स्थलों के प्रचार- प्रसार में भी सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में हनुवंतिया और अन्य स्थानों पर जल क्रीड़ा पर्यटन गतिविधियां बढ़ाने के निर्देश दिए। प्रदेश में साहसिक गतिविधियों के लिए लगभग 50 कैम्प आयोजित किए गए हैं। बीस हजार से अधिक पर्यटकों को कैम्पिंग और साहसिक गतिविधियों से जोड़ा गया है। पॉवर बोट संचालन और लाइव सेविंग के प्रशिक्षिण का लाभ भी युवाओं को दिया जा रहा है। जल पर्यटन गतिविधियों के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर लायसेंस जारी किए गए हैं।
यूनेस्को से हिस्टोरिक अर्बन लेंडस्केप रिकमंडेशन के अंतर्गत ग्वालियर और ओरछा का चयन किया गया है। प्रदेश के 27 राष्ट्रीय उद्यानों और वन्य प्राणी अभ्यारणों के ईको सेंसेटिव जोन्स के जोनल मास्टर प्लान का कार्य चल रहा है। यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में ओरछा, मांडू, सतपुड़ा नेशनल पार्क और भेड़ाघाट को शामिल करने की पहल की गई है। ओंकारेश्वर और सलकनपुर में पीपीपी मॉडल से रोप-वे संचालन , ग्वालियर में म्यूजियम ऑफ म्यूजिक, भोपाल में सिटी म्यूजियम और , में प्री हिस्टोरिक पार्क के लिए भी प्रयास प्रगति पर हैं। पन्ना में डॉयमंड म्यूजियम और जबलपुर में खनन मंत्रालय के सहयोग से ज्योलॉजिकल म्यूजियम संचालित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में निर्देश दिए कि बैतूल जिले के मनोहारी प्राकृतिक स्थल कुकरु में पर्यटन विकास के कार्यों को बढ़ाएं। मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र के अनेक पर्यटक इस स्थान पर सैर के लिए आते हैं। आने वाले समय में यह स्थान पचमढ़ी की तरह पर्यटन स्थल के रुप में लोकप्रिय हो सकता है। बैठक में होम स्टे परियोजना, महिलाओं के लिए पर्यटन स्थल परियोजना, ग्रामीण पर्यटन, पर्यटन विभाग के स्टाफ को कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण, जिलों में जिला पर्यटन कार्य योजना, कोरोना काल में किए गए विभिन्न वेबिनार, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ट्रेवल मार्टस और प्रदर्शनियों में सहभागिता, मानसून पर्यटन के प्रोत्साहन, हेरिटेज रन, जल महोत्सव, खजुराहो नृत्य समारोह, माण्डू उत्सव जैसे कार्यक्रमों और उत्सवों की जानकारी भी दी गई।
फिर भी न्यूज जितेन्द्र सिंह