आज मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का दूसरा दिन शुक्रवार यानी 21 सितंबर है। शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गए हैं। माना जाता है मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए लोग शुभ मुहूर्त में पूजा करते हैं। नवरात्र में लोग अपने घरों में कलश स्थापना करते हैं। मान्यता है कि कलश शुभ मुहूर्त में स्थापित करने से जीवन में आने वाली परेशानियां खत्म हो जाती हैं।आज दिन माँ ब्रह्मचारिणी देवी रूप का पूजन किया जाता है। कल पहले नवरात्र में कलश स्थापना भी होती है। कलश स्थापना के लिए भूमि को शुद्ध किया जाता है। गोबर और गंगा-जल से जमीन को लीपा जाता है। विधि-विधान के अनुसार मंत्रो के साथ इस स्थान पर अक्षत तथा कुमकुम मिलाकर डाला जाता है और कलश स्थापित किया जाता है। कलश पर स्वास्तिक बनाया जाता है। इसके बाद कलश पर मौली बांध कर उसमें जल भरकर उसे नौ दिन के लिए स्थापित कर दिया जाता है।
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इन नव दिनों तक पुरी श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ के सभी रूपो का पूजन किया जाता है। जिससे माँ हमेशा अपने भक्तो के सुख और दुःख में साथ रहती है और हमेशा अपने भक्तों का कल्याण करती है।
[स्रोत- अभय चौधरी]