1 जुलाई 2017 से पूरे देश में जीएसटी यानी गुड्स सर्विस टैक्स लागू किया गया था जिसके तहत पूरे देश में एक समान टैक्स देना होता था. किन्तु जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश के व्यापारियों को बिजनेस करने में काफी परेशानी आ रही थी जिसके चलते शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है.मोदी सरकार ने शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत देने पर फोकस किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ ऐसे बदलाव किए हैं जिससे कि छोटे कारोबारियों को अब बड़ी राहत मिलेगी, किस तरह होगा छोटे व्यापारियों को फायदा आइए आपको बताते हैं.
जिनका टर्नओवर सालाना 1.5 करोड़ से कम है
भारत में जितने भी ऐसे व्यापारी हैं जिनका टर्नओवर 1 साल का डेढ़ करोड़ से कम है अब उन्हें हर 3 महीने में एक बार जीएसटी रिटर्न भरना होगा. अभी तक व्यापारियों को हर महीने भरना पड़ रहा था जिसकी वजह से व्यापारियों की एक शिकायत थी कि हर महीने हमें इसमें कई दिन लग जाते हैं और इससे हमारे बिजनेस पर काफी फर्क पड़ रहा है.
[ये भी पढ़ें: GST की टैक्स दरों में बदलाब जानिए किन चीजों के घटेंगे दाम]
सरकार ने इस बात को मद्देनजर रखते हुए इसमें बदलाव किया. अब ऐसे व्यापारियों को जिनका टर्नओवर डेढ़ करोड़ से कम है उन्हें साल में सिर्फ 4 बार ही जीएसटी रिटर्न भरना होगा.
रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म 31 मार्च तक टला
शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को भी 31 मार्च तक टाल दिया है जिसमें कि छोटे व्यापारियों को बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. क्योंकि इसमें रजिस्टर्ड डीलर और अनरजिस्टर्ड डीलर के बीच जब किसी भी सामान की बिक्री और खरीदारी होती है तो रजिस्टर डीलर को टैक्स भरना होता है जबकि अन रजिस्टर्ड डीलर को टैक्स नहीं भरना होता था ऐसे में एक ही डीलर के ऊपर टैक्स का सारा बोझ आ जाता था.
यानी मैन्युफैक्चर, सप्लायर चेन में रजिस्टर्ड कारोबारी नहीं होने से रजिस्टर्ड कारोबारियों पर बोझ बढ़ जाता था. इसलिए सरकार ने इसमें भी छूट का प्रवधान रखते हुए रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म को 31 मार्च तक टाल दिया है.