कल हनुमानगढ़ जिला प्रभारी पद्मश्री कृष्णा पूनिया के नेतृत्व में उनके समर्थकों ने हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय के सामने विफल नोटबन्दी के विरोध में काला दिवस मनाया। साथ ही नोटबन्दी के दौरान जिन 150 लोगो की मौत हुई उन्हें श्रदांजलि दी गई।कृष्णा पूनिया ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम आज यहा मोदी जी के द्वारा आज से एक वर्ष पूर्व लिए गए तानाशाही फैसला नोटबन्दी जो पूरी तरह से विफल रहा उसके विरोध में काला दिवस मनाने को एकत्रित हुए है। साथ ही नोटबन्दी के दौरान मारे गए मासूम लोगो को भावभीन श्रधांजलि देते है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज देश में विफल नोटबन्दी के चलते अघोषित आर्थिक आपातकाल चल रहा है।उन्होंने मोदी सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए कहा कि उनके इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ। एवं देश की विकास दर भी गिर गई थी।हम आपको बता दे कि 8 नवम्बर 2016 को रात्रि लगभग 8 बजे हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक राष्ट्र को दिए सम्बोधन में 500 और 1000 रूपये के नोटों को विमुद्रीकरण के लिए इन नोटों को बंद करने का ऐलान किया था।इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा था कि उनका यह फैसला, काले धन पर नियंत्रण लगाने हेतु एवं देश में फैले जाली नोटों को बंद करने एवं आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस विमुद्रिकरण के फैसले को ही भारतीय जनता ने नोटबन्दी नाम दिया था।
कृष्णा पूनिया के साथ नोटबन्दी विरोध में आयोजित इस कार्यक्रम में उनके साथ कॉंग्रेस के पदाधिकारी एवं सैकड़ो समर्थक मौजूद रहे।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]