आजाद भारत में यह पहला ऐसा बजट है जो हिंदी और इंग्लिश दोनों में पेश किया गया और इसी बजट के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है जो अभी तक आजाद भारत में किसी ने नहीं किया था. मगर क्या आप जानते हैं इस बजट को हिंदी और इंग्लिश यानी ‘हिंगलिश’ में पेश करने के पीछे का मकसद क्या है, आइए आपको बताते हैं.देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आम बजट को हिंदी और इंग्लिश में पेश करने के पीछे का मतलब भारत के आम नागरिकों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले किसानों और मजदूरों को बजट मैं जारी की गई योजनाओं से रूबरू कराना था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के ग्रामीण इलाकों में इंग्लिश नाम मात्र के लिए ही बोली जाती है और समझने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इसलिए बजट को आम जनता की बोली जाने वाली भाषा में बताने का प्रयास किया गया है.
हालांकि बजट पेश करने में इंग्लिश का भी प्रयोग किया गया है मगर ग्रामीण इलाकों को ध्यान में रखते हुए किसानों और आम जनता से जुड़े मसलों पर वित्त मंत्री ने हिंदी भाषा का उपयोग अधिकतर किया है और वही उद्योग-धंधों तथा इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने जैसे मामलों में अपना भाषण इंग्लिश में दिया है.
देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपना पांचवा आम बजट पेश किया और इसी बजटसे आगामी चुनाव को सीधा सीधा जोड़ा जा रहा है. भारत में 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हो जाने के बाद यह पहला आम बजट है जिसमें कई आगामी योजनाओं तो कई जारी योजनाओं पर भरपूर चर्चा की गई है मगर अधिकतर ध्यान किसानों और गरीब जनता का रखा गया है.
बजट की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुण जेटली का धन्यवाद व्यक्त किया है और बजट में गरीबों तथा किसानों का विशेष रुप से ध्यान रखने के लिए अभिवादन किया है और यह भी कहा है कि यह बजट ऐतिहासिक है और गरीबों तथा किसानों के लिए लाभकारी रहेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कई सालों से देखा गया है कि आम बजट राष्ट्रीय भाषा हिंदी में राहु के हिंदी में ही होता था मगर इस बार अरुण जेटली ने चलती आ रही इस प्रथा को तोड़ते हुए हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओ में बजट पेश किया जिससे ग्रामीण इलाके के लोगों को बजट समझने में भी थोड़ी आसानी रहे और ऐसा करने वाले वह भारत के पहले वित्त मंत्री बन गए हैं.