भारत और न्यूजीलैंड के बीच वनडे सीरीज का दूसरा मैच बुधवार को पुणे में खेला जाएगा. इस मैच में भारतीय टीम के लिए करो या मरो की स्थिति है क्योंकि सीरीज का पहला मैच मुंबई के मैदान में न्यूजीलैंड ने 6 विकेट से जीता था. सिर्फ तीन मैचों की सीरीज है अगर यह मैच भी मेहमान टीम जीत जाती है तो सीरीज न्यूजीलैंड के नाम हो जाएगी और इस तरह से मेजबान होने के बाद भी भारत को सीरीज में हार का सामना करना पड़ेगा.पहले मैच में जीत दर्ज करने के बाद न्यूजीलैंड के हौसले बुलंद हैं, इस मैच में भी न्यूजीलैंड भारत पर जीत दर्ज करने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर चुका है. वहीं दूसरी ओर भारत पहला मैच हारने के बाद दबाव में हैं क्योंकि पुणे में खेले जाने वाला वनडे मैच में भारतीय टीम को निश्चित ही जीत चाहिए उसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. पहले मैच में विराट कोहली ने शानदार शतक लगाया था जिसमें उन्होंने 121 रन की पारी खेली थी मुंबई के मैदान में उन्होंने अपने वनडे करियर का 31वा शतक जमाया इसके साथ ही वह वनडे क्रिकेट के इतिहास में सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं.
विराट कोहली के शतक के बावजूद भारतीय टीम मैच में जीत दर्ज ना कर सकी. मैच हारने की सबसे बड़ी वजह दूसरे बल्लेबाजों की खराब बल्लेबाजी और गेंदबाजों का अच्छा प्रदर्शन ना करना रहा. दूसरा मैच शुरू होने से पहले विराट कोहली ने विश्वास जताया है कि पुणे के मैच में हमारी बल्लेबाजी और गेंदबाजी बेहतर रहेगी, हम न्यूजीलैंड की टीम पर जीत दर्ज करने में कामयाब होंगे. जाहिर सी बात है विराट कोहली भी यह बात जानते हैं अगर इस मैच में वह किसी भी क्षेत्र में ढीले पड़े तो सीरीज उनके हाथ से चली जाएगी.
पुणे के मैदान में भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए यह मैच करो या मरो के हालात जैसा है. वहीं दूसरी तरफ न्यूजीलैंड पहला मैच जीतने के बाद दूसरे मैच में भी जीत दर्ज करने की पूरी कोशिश करेगा. न्यूजीलैंड की पहले वनडे मैच में शानदार बल्लेबाजी रही जिसमें लैथम और रोस टेलर ने चौथे विकेट के लिए 200 रनों की बड़ी साझेदारी निभाकर अपनी टीम को जीत दिलाई थे इस मैच में भी वह अपनी टीम को जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
भारतीय टीम के लिए बल्लेबाजी क्रम में चौथा नंबर चिंता का सबब बना हुआ है. इस क्रम पर 2015 वर्ल्डकप के बाद अब तक 11 बल्लेबाजों को आजमाया जा चुका है. केदार जाधव रविवार को चौथे नंबर पर उतरे लेकिन नाकाम रहे थे अब देखने वाली बात होगी कि कब तक इस नंबर की भरपाई भारतीय टीम कर पाती है.