आईआईटी कानपुर ने रैगिंग आरोप के बाद 22 छात्रों को निलंबित कर दिया है. 22 छात्रों में से 16 छात्रों को 6 सेमेस्टर मतलब 3 साल के लिए तथा शेष 6 छात्रों को 2 सेमेस्टर मतलब 1 साल के लिए निलंबित कर दिया है. आरोप के बाद इन सभी छात्रों ने जांच कमेटी के सामने अपना पक्ष रखा था लेकिन प्रशासन के सामने इनकी दलीलें गलत साबित हुई और आईआईटी कानपुर ने रैगिंग करने वाले सभी छात्रों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.रैगिंग करने वाले छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने नए प्रवेश छात्रों से अभद्रता की, उल्टे सीधे सवाल पूछे और उनसे गलत कार्य भी करवाए. रैगिंग को कॉलेजों में पहले से ही बैन किया जा चुका है मगर इतने पर भी सीनियर स्टूडेंट के समूह ने जूनियर स्टूडेंट को रैगिंग के नाम पर बहुत सताया, जिसकी शिकायत पीड़ितों ने प्रशासन से कर दी.
IIT Kanpur suspends 22 students over ragging. '16 students suspended for 3 years, 6 suspended for 1 year', says Dy Director Manindra Agrawal pic.twitter.com/XKuddE4PSm
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 11, 2017
जानकारी मिलने पर सीनेट के सभी सदस्यों ने अपनी अपनी बातें रखी और छानबीन भी कराई आरोप सही सिद्ध होने पर सीनेट चेयरमैन ने सभी आरोपियों को निलंबित करने का निर्णय लिया. आरोपियों की कोई भी दलील उन्हें बचाने के काम नहीं आई सिनेट बैठक में अपने इस आदेश को बरकरार रखा.
[ये भी पढ़ें: अब लड़को को भी अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ना होगा गृह विज्ञान]
निलंबित छात्र 1 साल तक दया अपील भी नहीं कर सकेंगे और जब इनका निलंबन समय पूरा होगा तब इन को नए सिरे से प्रवेश लेना होगा. आरोपी छात्रों को पहले ही छात्रावास से बाहर निकाला जा चुका है