मुंबई में जहाँ लोगो के चलने की जगह नही हैं वहाँ बच्चों के खेलने के लिए बचे हुए कुछ मैदानों पर बिल्डरों ने और कुछ मैदानों पर समाज के कुछ असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर लिया हैं. कुछ मैदान तो कूड़े-दान में बदल गए हैं और कुछ मैदानों को नशेड़ियों ने अपना अड्डा बना लिया है. इसीलिए जो बचे हुए मैदान है उन्हें कैसे बचाया जाये इसलिये सभी स्तर पर इसका विचार होना बहुत ज़रूरी हैं.ऐसा ही एक मैदान हे जो मुंबई के घाटकोपर विभाग के पश्चिम में माणिकलाल मैदान के नाम से जाना जाता है. इस मैदान का उपयोग खेल के साथ ही गणेश उत्सव, काली पूजा, रामलीला जैसे अनेक सामाजिक और धार्मिक उत्सवो का आयोजन किया जाता हैं. साथ ही बड़े तौर पर क्रिकेट मैच कबड्डी मैच का आयोजन किया जाता हैं.यहाँ आसपास के इलाक़े में यह एक ही मैदान हैं जहां खेलने के लिये बच्चों की बड़ी भीड़ लगी होती हैं.
कुछ दिन पहले ही घाटकोपर में एक दुःखद घटना हुई थी. जिसमें एक हादसे में बिल्डिंग गिरी थी. जिसका मलबा माणिकलाल मैदान में रखा था. जिससे मैदान कि हालत ख़राब हो गई थी. इसी के सुधार और रखरखाव के लिये खेल प्रेमी और विभाग के समाजसेवको ने जनप्रतिनिधीयों और बीएमसी के एन वॉर्ड में निवेदन दिया था.जिसके परिणाम स्वरूप आज़ माणिकलाल मैदान दुरुस्त कर खेल के लिये खोला गया और खेल प्रेमियों ने मैदान में खेल कर खेलने का आनंद भी लिया. खेल प्रेमियों ने माणिकलाल मैदान के समस्या पर आवाज उठने वाले जनप्रतिनिधी और समाजसेवको का आभार प्रकट आनंद व्यक्त कर ऐसे ही मिल-जुलकर घाटकोपर के विकास करने की कामना की.
[स्रोत- धनवंत मस्तूद]