मुंबई में जहाँ लोगो के चलने की जगह नही हैं वहाँ बच्चों के खेलने के लिए बचे हुए कुछ मैदानों पर बिल्डरों ने और कुछ मैदानों पर समाज के कुछ असामाजिक तत्वों ने कब्जा कर लिया हैं. कुछ मैदान तो कूड़े-दान में बदल गए हैं और कुछ मैदानों को नशेड़ियों ने अपना अड्डा बना लिया है. इसीलिए जो बचे हुए मैदान है उन्हें कैसे बचाया जाये इसलिये सभी स्तर पर इसका विचार होना बहुत ज़रूरी हैं.
कुछ दिन पहले ही घाटकोपर में एक दुःखद घटना हुई थी. जिसमें एक हादसे में बिल्डिंग गिरी थी. जिसका मलबा माणिकलाल मैदान में रखा था. जिससे मैदान कि हालत ख़राब हो गई थी. इसी के सुधार और रखरखाव के लिये खेल प्रेमी और विभाग के समाजसेवको ने जनप्रतिनिधीयों और बीएमसी के एन वॉर्ड में निवेदन दिया था.
[स्रोत- धनवंत मस्तूद]