आज हमारे हिंदुस्तान को राष्ट्रवादियों की जरूरत है जिनके लिए सबसे पहले अपना राष्ट्र होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं है तो ऐसा करवाने के लिए क़ानून का सहारा भी लेना पड़े तो भी कानून बना कर ऐसा करवाने की जरूरत है, क्योंकि पता नहीं हिन्दुस्तानियों के खून में किस चीज की मिलावट हो गयी है कि उन्हें सिर्फ अपनी ही फ़िक्र है, जैसे अपने पैसों की, अपने बीवी, अपने बच्चों अपने रूतबे मतलब नाम की उस के लिए चाहे अपने आपको भी बेचना पड़े तो भी बेच देंगे क्योंकि बिकेंगे तो बदनामी एक दो के आगे होगी लेकिन नाम तो पुरे हिंदुस्तान में हो जायेगा, बस जीने के लिए और क्या चाहिए.
हां ऐसा काम करने पर ग्लानि होती है लेकिन जो अपनी इज्जत अपने राष्ट्र अपने देश को सबसे पहले माने उस के मन में होती है ऐसे लोगों को नहीं होती जिन्हे खुद से अपनी चीजों से लगाव होता है !
अब जैसे हमारे फौजी भाई है वो अपने परिवार, अपनी बीवी, अपने बच्चों को छोड़ कर हमारी सुरक्षा के लिए बॉर्डर पर लगातार तैनात रहते है.
जम्मू कश्मीर व् छत्तीसगढ़ में तो हालत चिंता जनक है फिर भी हमारे जवान मुस्तैदी से तैयार रहते हैं और अपनी जान जोखिम में डाल कर भी हमारी व् हमारे हिंदुस्तान की सुरक्षा मे लगे रहते हैं जम्मू कश्मीर में तो पाकिस्तान से भेजे हुए आतंकवादी भी हमारे जवानो पर आए दिन हमला कर मारते रहते हैं और ये बात हमारे हर हिंदुस्तानी को मालूम है की हमारे जवानो को पाकिस्तानी सैनिक और आतंकवादी दोनों का सामना करना पड़ता है.
फिर भी हमारे जवान यही सोचते रहते है की अपने देश की रक्षा कैसे करें! और अभी कुछ दिनों पहले ही हमारे जवानो के सर काट कर साथ ले गए और हमें पता है की ये पाकिस्तानी सैनिकों का काम है फिर भी हमारी दिल्ली से कोई बहुत बड़ा तीर नहीं मारा गया मतलब उसका बदला नहीं लिया गया, चलो कोई बात नहीं उसका बदला तो धीरे धीरे लेते रहेंगे लेकिन पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने की बात हो रही है तो अब क्या युद्ध और क्रिकेट दोनो एक साथ चलेगा.
इधर तो आप उनके देश के लोगों को कमाई करवा रहे हो! कभी हीरो/हीरोइन कभी लेखक/गायक कभी क्रिकेटर इन सब को पाकिस्तान से यहाँ बुलाते हो तो क्या एक सौ तीस करोड़ भारतीयों में से कोई ऐसा नहीं है जो उनकी कमी को पूरा कर सके, जिससे उनको हिंदुस्तान नहीं बुलाना पड़े, आप उनको यहाँ बुलाकर अपने हिन्दुस्तानियों की इज्जत ख़राब करवाते हो कि हममें इतनी काबिलियत नहीं है.
जबकि पाकिस्तान में भूखमरी है, वो यहाँ आकर रहना चाहते है काम करना चाहते है यहाँ रहने की बोलने की आजादी है इसीलिए यहाँ लगता है कि जैसे जी रहा है. वहां तो काटनी पड़ती है फिरभी वो लोग पाकिस्तान के बारे में अच्छी बातें बोलते है और यहाँ बोलने की आजादी है उसका गलत फायदा उठाते है हिंदुस्तान के बारे में अच्छी सोच नहीं रखते ! आप सभी लोगों को कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे पहले वाली राष्ट्रवादी /देशभक्ति सोच फिर से आ जाए !
जैसे क्रिकेट मैच हो तो उसे देखना नहीं चाहिए, और जो खिलाडी/हीरो/हीरोइन/फिल्म निर्माता देशद्रोही जैसी हरकत करता हो और देशभक्ति/राष्ट्रवादी विचार नहीं रखता हो उसकी फिल्म और उसका सामान जिसका वो विज्ञापन करता है उससे दूरी बना लेने से उसका नाम हिंदुस्तान में ख़तम हो जायेगा,विज्ञापन एजेंसियां उनसे विज्ञापन नहीं करवाएंगी तो उनका नुकसान होगा और वो ये नहीं चाहते, नुक्सान के कारण ही तो अभी क्रिकेट खेल रहे है हमारे सैनिकों को मार देते है उनके सर काट कर साथ ले जाते है फिर भी खेल रहे है सिर्फ पैसों के लिए, इसीलिए पैसों के नुक्सान के डर से उन्हें (हमारे खिलाडियों को) देश भक्ति आ जाएगी !
ये काम तो अपने ही हाथ में है, क्या अपनी देशभक्ति के लिए इतना काम नहीं कर सकते, ये जरूर करना चाहिए जिससे उनको सबक मिले, जब देशभक्ति के लिए चाइना के सामान का बहिष्कार कर सकते हैं जो हमारे कुछ लगते ही नहीं है, अपने ही लोगों को सुधारने के लिए इतना काम तो कर ही सकते है !
जय हिन्द !
विशेष:- ये पोस्ट इंटर्न सुशील ओझा ने शेयर की है जिन्होंने Phirbhi.in पर “फिरभी लिख लो प्रतियोगिता” में हिस्सा लिया है, अगर आपके पास भी है कोई स्टोरी तो इस मेल आईडी पर भेजे: phirbhistory@gmail.com