23 सितंबर 2017 को उत्तरी कोरिया के लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। लेकिन भूगर्भ वैज्ञानिक परेशान थे, क्योंकि उनके उपकरण, उत्तरी कोरिया तो क्या विश्व के किसी भी हिस्से में पृथ्वी की किसी भी हलचल को प्रदर्शित नहीं कर रहे थे। लेकिन भूकंप मीटर 3.2 का भूकंप प्रदर्शित कर रहा था। तो फिर यह क्या था, जिसने लोगों को भूकंप जैसा एहसास दिया।दरअसल चीन के कुछ भूगर्भशास्त्रीयों के अनुसार, 3.4 तीव्रता वाला भूकंप प्राकृतिक होते हुए भी पृथ्वी की हलचल का परिणाम नहीं था। यह उस हाइड्रोजन बम के परीक्षण का परिणाम था , जो उत्तर कोरिया ने हाल ही में किया था। क्यूंकी यह भूकंप उसी क्षेत्र के आसपास आया था, जहां “सनकी” के नाम से प्रसिद्ध उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने अपने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था।
ताजे समाचार के अनुसार यह सनकी तानाशाह अगर अपने कथन को पूरा करता है जिसमें उसने कहा है की वह प्रशांत महासागर में हाइड्रोजन बम का विस्फोट करेगा तो इसके परिणाम विश्व में भयंकर हो सकते हैं। इस हाइड्रोजन बम के विस्फोट के कारण प्रशांत महासागर में इतनी ऊंची लहरें उठेंगी की कई देश सुनामी की चपेट में आ जाएंगे।
तानाशाह क्यूँ दे रहा है धमकी :
दरअसल अभी कुछ दिन पूर्व संयुक्त राष्ट्र संघ के अपने सम्बोधन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया को मिट्टी में मिला देने की चेतावनी दी थी। इस चेतावनी का जवाब उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने तुरंत तीखी भाषा में वयान दिया और किम जोंग ने बम विस्फोट की धमकी के साथ दिया।
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कहाँ-कहाँ होगा असर :
अगर उत्तर कोरिया का तानाशाह अपनी धमकी पूरी करने का प्रयास करता है तो इसके परिणाम किसी की सोच से भी परे होगा। प्रशांत महासागर में मची विनाशकारी हलचल, दक्षिण कोरिया और जापान को पूरी तरह से तबाह कर सकती है। भारत पर भी इसका प्रभावकारी असर हो सकता है।
किसने करी तानाशाह की सनक पूरी करने की तैयारी :
उत्तर कोरिया का तानाशाह जिस हाइड्रोजन बम फोड़ने की बात कहकर सारे विश्व को डरा रहा है, दरअसल इसमें वो अकेला नहीं है। उसकी इस सनक को पूरा करने में आतंकवाद समर्थक देश पाकिस्तान का बहुत बड़ा हाथ है। सनकी के विनाशकारी हाइड्रोजन बम का डिजाइन पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो अपने साथ उत्तर कोरिया ले कर गईं थीं । बदले में उत्तर कोरिया से उन्हें विनाशकारी नोडोंग मिसाइल तोहफे में मिली थी, जिसे वो अपने साथ अपने ही हवाई जहाज में ले कर गईं थीं। इस पूरे सौदे का चीन ने बड़ी गर्मजोशी से समर्थन किया था।
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अमरीका का फौरी जवाब :
अमरीका के राष्ट्रपति ने तानाशाह की धमकी का जवाब देते हुए उत्तरी कोरिया के आसमान पर अपने बमवर्षक विमानों को उड़ा दिया है। जिससे तानाशाह के पास यह संदेश पहुँच सके की अमरीका के पास इस धमकी का जवाब देने के अनेक विकल्प मौजूद हैं । हालांकि यह उड़ान 21वीं सदी की अमरीका द्वारा उत्तरी कोरिया के आसमान को छूने की पहली पहल है।