अकोला महानगर पालिका में वरिष्ठ अधिकारियों की कमी कई महा सेचल रही है. जिसके कारण मनपा का कामकाज बुरी तरहा से प्रभावित हो रहा है. एेसी स्थिती में मंजब अधिकारियों की कमी के कारण प्रलंबीत कामो का बोझ अन्य अधिकारियो पर पड रहा है. विगत एक माह स मनपा मे आयुक्त का पद रिक्त चल रहा है जिसके कारण मनपा के विभाग प्रमुखो पर काम को निपटाने का टेंशन आ रहा है.मनपा द्वारा किए जाने वाले विकास काम जहां प्रभावित हो रहे हैं, वही प्रशासकीय कामों की फाईलो को भी निपटाने की समस्या मनपा के प्रशासकीय विभागों में हो रही है. तत्कालीन आयुक्त अजय लहाने के कार्यकाल में लिए गए महत्वपुर्ण निर्णय तथा इसके अनुरुप बिंदु नामावली, आकूतिबंध तैयार करने के काम अब ठप पड गये है.
मनपा के कर्मचारीयो को पदोन्नती की प्रतिक्षा कई महा से है, लेकिन अब बिंदु नामावली व आकूति बंध काम बिल्कुल ही ठप पड जाने से उनकी यह उम्मीद फिर एक बार धुमिल पड गई है. तत्कालीन आयुक्त अजय लहाने ने कर्मचारीयो के आकूतिबंध को तैयार करन् के लिये एक विशेष दल का गठन भी किया था, इस से पहले बिंदु नामावली तैयार कर इसे इसे मंजुर कराने के लिये भी एक दल में कुछ अनुभवि अधिकारी व कर्मचारीयो की टिम ने काम किया, लेकिन यह बाद में ठंडा पड गया.
मनपा अधिकारियों का आकूत बंध कब तैयार होगा, यह एक जटिल सवाल ही बन गया है. इसके अलावा कई ऐसे प्रशासकीय काम है, जिस पर जिम्मेदारी अधिकारी ही निर्णय ले सकते है. इस मामले में मनपा के पदाधिकारीयो की और से भी कोई विशेष रूचि दिखाई नहीं जा रही है.
जितनी प्रखरता से तत्कालीन आयुक्त के खिलाफ अकोला शहर मनपा में माहौल बन गया था. उतनी, तत्परता से नए आयुक्त को मनपा में दाखिल कराने का काम नही किया जा रहा. चर्चा हो रही है कि अब जनप्रतिनीधियो को ही इस विषय मे हस्तक्षेप करना पड़ेगा अन्यथा मनपा के कई काम इसी तरह प्रलंबित पड़े रहेगे.
[स्रोत- शब्बीर खान]