मधुमेह अर्थात डायबिटीज एक बहुत ही तेजी से बढ़ती हुई लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है.
यदि हम देखे और आंकड़ों पे एक नज़र डाले तो भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में ये बीमारी तेजी से बढ़ रही है. वर्ष २०१५ में लग भाग 415 मिलियन यानी 415 लाख लोग इस बीमारी से ग्रस्त थे, जिसमें 90 % टाइप २ यानि ‘डायबिटीज मेलिटस’ के शिकार थे.
मधुमेह से जुड़े कई मिथ हमारे समाज में चलते आ रहे हैं.
मिथ: यदि आप मॉटे या ओबीस हैं, तो आपको अवश्य ही डायबिटीज है.
तथ्य: नहीं, मोटापा मधुमेह का एक कारन ज़रूर है परन्तु ये सच नहीं है की यदि आप का वजन ज्यादा है तोह आप मधुमेह से ग्रस्त हैं. ज्यादातर शोधो में यह पाया गया है की डायबिटीज नार्मल या थोड़े से ओबीस लोगो में ज्यादा होता है.
मिथ: ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज हो जाती है?
तथ्य: नहीं, मीठा खाने का और डायबिटीज का आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है.
टाइप १ डायबिटीज जेनेटिकल होती है, यानि की वंशानुगत; जबकि टाइप २ डायबिटीज वंशानुगत एवं जीवनशैली जनित होती हैं.
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ( American Diabetes एसोसिएशन) के अनुसार लोगो को किन चीज़ो का सेवन अत्यधिक करने से परहेज करना चाहिए वो हैं:
1 शीतल पेय (कोक, पेप्सी)
२. फ्रूट जूस
३. एनर्जी ड्रिंक्स
४. बेहद मीठी चाय
ये पदार्थ न केवल शरीर में शर्करा की मात्रा बढ़ाते हैं अपितु एक बार सेवन करने मात्रा से कई सौ कैलोरीज भी बढ़ जाती है.
मोटापा डायबिटीज का एक कIरक है और मीठे पदार्थ मोटापे को बढ़ावा देते है. यदि हम अपने मोटापे को काबू में रखते हैं तो ” थोड़ा मीठा हो जाये”
मिथ: डायबिटीज एक सीरियस बीमारी नहीं है.
तथ्य; जी नहीं, पुरे विश्व में डायबिटीज की वजह से मरने वालो की संख्या ब्रैस्ट कैंसर या एड्स से मरने वालो की संख्या से कहीं ज्यादा है. डायबिटीज से होने वाली दूसरी बीमारिओयो से बचाव ही इसका उपचार है.
मिथ: एक बार इन्सुलिन लगने के बाद फिर बंद नहीं होती.
तथ्य: इन्सुलिन एक प्रकार की मेडिसिन ही है, जो तब दी जाती है जब शरीर ज़रूरत की मात्रा में इन्सुलिन नहीं बना पता. एक बार इन्सुलिन शुरू करने के बाद उसे बंद किया जा सकता है यदि, डायबिटीज का लेवल वापस नार्मल के पास आ जाये.
मिथ: डायबिटीज से आप अंधे या आपके शरीर में सड़न हो सकती है.
तथ्य: नहीं, यदि डायबिटीज काबू में रहे , एवं दवाइयों का सेवन समय पर किया जाये, नियमित व्यायाम किया जाये तोह ऐसा संभव नहीं है.
परन्तु यदि डायबिटीज हद्द से ज्यादा बढ़ जाती है तोह बड़े हुए ग्लूकोस का असर और अंगो पर दिखने लगता है जिसमें रातिनोपैथी और पैरालीसिस तक शामिल है .
विशेष:- ये पोस्ट इंटर्न नमिता कौशिक शेयर की है जिन्होंने Phirbhi.in पर “फिरभी लिख लो प्रतियोगिता” में हिस्सा लिया है, अगर आपके पास भी है कोई स्टोरी तो इस मेल आईडी पर भेजे: phirbhistory@gmail.com