मुंबई के उप-महापौर और वरली विभाग कि नगरसेवका श्रीमती हेमांगी हरीश वरळीकर ने पानी और पर्यावरण को बचाने के लिए आंघोळीची गोळी (Bath pill) याने स्नान गोली मुहिम में हिस्सा लिया है. इस मुहिम में आप भी शामिल हो सकते हैं और जितना संभव हो उतना पानी बचाने की कोशिश कर सकते हैं.बारिश की कमी से महाराष्ट्र में पानी की समस्या के कारण कई जगहों पर सूखा है और इसी सूखे के कारण, कई किसानों ने आत्महत्या की और जानवर भी मर रहे हैं. आज हमें इन्हीं किसान के वज़ह से भोजन मिल रहा हैं और अगर यह किसान नष्ट हो जाता है तो हमें खाने के लिए भोजन कहाँ से मिलेगा यह भी पशुओं और मनुष्यों की एक श्रृंखला है, अगर ये श्रृंखला खंड होती हे तो सब नष्ट हो सकता है जो इस बारिश के पानी पर निर्भर है यही बारिश कि कमी से महाराष्ट्र लड़ रहा हैं.
इसी समस्या के एक उपाय के तौरपर आंघोळीची गोळी ( Bath pill ) के माध्यमसे महाराष्ट्र में जनजागृती कर रहे हैं. इस पहल को बढ़ावा देने और पानी और पर्यावरण को बचाने के लिए यह मुहिम चल रहीं है. पानी के महत्व को महसूस करना ही जीवन है. क्योंकि पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों का जीव पानी पर निर्भर करता है. मानव शरीर कुछ हफ्तों तक भोजन के बिना जीवित रह सकता है, लेकिन यह बिना पानी के सात दिनों से अधिक जीवित नही रह सकता.
बढ़ती हुई जनसंख्या, औद्योगीकरण से बड़े पैमानेपर हो रहे जल प्रदूषण, बारिश कि कमी से घटतें जल स्रोतों, का दुनिया सामना कर रही है. और यह एक गंभीर मुद्दा बन गया है. और मनुष्य ही इस सवाल को हल कर सकता है. यदि प्रत्येक व्यक्ति इसके महत्व को समझे और जाने तो पानी की कमी नहीं होगी. ऐसा कहा जाता है कि बूंद-बूंद से ही सागर बनता हैं.
[स्रोत- धनवंत मस्तूद]