छत्तीसगढ़ राज्य के रामानुजगंज जिले में छोटे से गांव बलरामपुर के एक ऑटो चालक की बेटी ने IIT में 169 वीं रैंक पाकर पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया है. जी हां किसी ने सच ही कहा है कि जहां चाह है वहां राह है, इस वाक्य को किरण ने पूरा कर दिखाया. किरण ने एक गरीब माहौल में रहकर भी IIT जैसी परीक्षा में 169 की रैंक पाकर अपने पिता का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है.
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किरण के पिता एक ऑटो रिक्शा चालक हैं उन्होंने बताया कि उनकी पढ़ाई 11वीं क्लास में ही पैसे ना होने के कारण बीच में ही छूट गई थी. फिर उनके कंधों पर परिवार का आ गया लेकिन उन्होंने यह ठान लिया था के जो मुझे नहीं मिला है या जो कुछ मैं नहीं कर पाया हूं वो सब मैं अपने बच्चों को जरुर करुँगा.उन्होंने दिन रात मेहनत कर कर अपने बच्चों को पढ़ाया आखिरकार उनकी मेहनत रंग ला ही गई. उनकी बेटी ने आईआईटी दिल्ली में प्रवेश के लिए 169 भी रैंक हासिल की.
When I was in 11th Class, I had no money so couldn't pay fees. So I always wanted my daughter to excel in career:Kiran's father#Chhattisgarh pic.twitter.com/uhpz1YEBzU
— ANI (@ANI) July 19, 2017
किरण की माता ने बताया कि किरण पढ़ाई के लिए दिन रात मेहनत करती है. किरण की माता को अब तक यही चिंता थी कि किरण के दाखिले के लिए वह पैसे कैसे जमा करेंगे. मगर उनकी बेटी ने उनको एक चिंता से छुटकारा दे दिया है उनकी माता की खुशी देखने लायक थी. जहां लड़कियों को मां की कोख में ही मार दिया जाता है वही इस गरीब परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था.
We are very poor, but our daughter is working very hard with all she has. Thinking of ways how can we arrange money for admission: Mother pic.twitter.com/5UlVdwxIYw
— ANI (@ANI) July 19, 2017
किरण ने इसका सारा श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को दिया है. साथ ही यह भी कहा कि उसके पिता उसके लिए दिन रात मेहनत करते हैं और साथ ही पढ़ाई का भी पूरा ध्यान रखते हैं. उसके लिए उन्होंने अपने पिता को धन्यवाद भी कहां है. पूरे गांव में खुशी का माहौल है और किरण के माता-पिता किरण की इस सफलता पर गांव में मिठाई भी बांटी.