वसंत पंचमी का कार्यक्रम प्रातः 10-15 मिनट पर प्रधानाचार्य- श्रीमती सरोज पारीक के नेतृत्व में मां सरस्वती के छाया चित्र सम्मुख माला एवं प्रसाद चढ़ा कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । जिसमें मां सरस्वती की वंदना विद्यालय की छात्राओं द्वारा की गई एवं विद्यालय प्रधानाचार्य महोदया- श्रीमती सरोज पारीक ने कहां की वसंत पंचमी एक हिंदू त्योहार है ।
इस दिन विद्या देने वाले अर्थात सरस्वती की पूजा की जाती है और भारत पूरे साल मे जिन छह मौसम में बांटा जाता है उनमें वसंत लोगों का सबसे मनवचाहा मौसम था, जब फूलों पर बाहर आ जाती है, खेतों में सरसों का सोना चमकने लगता है, जो और गेहूं की बालियां खिलने लगती है, और हर तरफ रंग बिरंगी तितलियां मंडराने लगती है, वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पांचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और कामदेव की पूजा होती है यह वसंत पंचमी का त्योहार कहलाता है ।
स्थानीय विद्यालय के PTI- श्रीमान रामरतन डोडवाडीया ने कहा कि वसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण- कण खिल उठता है, मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं हर दिन नई उमंग से सूरज उदय होता है और नई चेतना प्रदान कर अगले दिन फिर आने का आश्वासन देकर चला जाता है ।
चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण
ता ऊपर सुल्तान है मत चुके चौहान ॥
विद्यालय के अध्यापिका श्रीमती बिना मैंम ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को नियमित रूप से पढ़ाई करनी चाहिए, तथा अपने लक्ष्य की ओर जागरुक रहना होगा ।
[स्रोत- धर्मी चन्द जाट]