किशनगंज, दिघलबैंक:- प्रखंड के धनतोला पंचायत में स्थित सरस्वती शिक्षा निकेतन में आज पूरे हर्षोल्लास के साथ सत्रांत समारोह सम्पन्न हुआ। कहते हैं कि सपनों को पंखों की आवश्यकता नही होती है। आप सिर्फ कल्पना करें, सपने देखें और उसे साकार करने का प्रयास करें। आपके सपने एक दिन हकीकत बनकर सामने होंगे।
धनतोला पंचायत बिहार के किशनगंज जिले में स्थित नेपाल से सटा एक प्यारा सा गांव है। यह गाँव नेपाल व भारत की सीमा पर बसा है। जिला मुख्यालय से इसकी दूरी करीब 65 किलोमीटर है। इस पंचायत का इतिहास शिक्षा के मामले में बहुत अग्रणी व गौरवशाली है। यहां के जमींदारों ने अपनी जमीन पर स्कूल बनवाया था, जिसका परिणाम है कि आज यहाँ की साक्षरता दर 70-80 फीसदी है।इसी कड़ी में एक और कड़ी जोड़ने हेतु गांव के ही कुछ नौजवानो ने एक सपना देखा।
शिक्षा को और भी उच्च शिखर तक पहुचाने का। फलस्वरूप 2017 में निजी विद्यालय सरस्वती शिक्षा निकेतन की स्थापना की गई। इस विद्यालय में गाँव के ही बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। बदले में इनसे मामूली शुल्क लिया जाता है, ताकि शिक्षक भी अपना जीवकोपार्जन कर सके। सुदूरवर्ती गाँव मे इस तरह की शिक्षा व्यवस्था होना अपने आप मे एक मिशाल कायम करता है।
हालांकि और भी जगहों पर आजकल यही व्यवस्था चल रही है। इसी क्रम में आज विद्यालय में 218 विदयार्थियों को परीक्षाफल पत्र व अंक पत्र सौंपा गया। इस मौके पर प्राचार्य नवीन सिंह, शिक्षक रामनाथ सिंह, खडागनारायन सिंह, निर्मल सिंह, सुरेश गणेश, अरुण सिंह, व निर्मल कुमार मंडल उपस्थित थे। प्रपत्र लेने के बाद सभी विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। सचमुच इस तरह का वातावरण पढ़ता गाँव, बढ़ता बिहार की याद दिलाता है।
[स्रोत- निर्मल कुमार]