पाकिस्तान के जिहादी सैनिकों ने दो भारतीय वीरों के मृत शरीरों का अपमान किया | पूर्व की कांग्रेसी प्रशासन की भांति निंदा करके मोदी नेतृत्व ने पल्ला नहीं झाड़ा | भारतीय सेना ने पाकिस्तानी बंकरों को नष्ट किया , दस जिहादी सैनिकों को भी मारा !
अवश्य ही हम एक स्वाभिमानी राष्ट्र के उदय को देख रहे हैं ! परंतु प्रतिक्रिया पर्याप्त नहीं | क्यों न हम वही लक्ष्य निर्धारित करें जो हमारा शत्रु हमारे लिए रखता है : पाकिस्तान का विनाश |
यह आकांक्षा नई नहीं है | शिवाजी महाराज ने लक्ष्य रखा था ‘हिंदवी स्वराज्य’ की स्थापना का | महाकवि भूषण ने शिवाजी महाराज के योगदान के विषय में स्पष्ट लिखा था : ‘काशी की कला जाती , मथुरा मसीत होती , शिवाजी न होत तो सुन्नत होत सबकी’ | शक्तिशाली और मजहबी उन्माद से भरे जिहादी औरंगजेब को मराठा वीरों ने 27 वर्षों तक दक्षिण में उलझाए रखा था , वरना भारत भी ईरान , इराक , मिस्र की भांति सनातन संस्कृति से दूर जा चुका होता | यथार्थवादी शिवा के चरणचिह्नों पर चलते हुए अगला लक्ष्य भारत के महानतम सेनापतियों में एक बाजीराव प्रथम (1720-1740 ई ) ने रखा : ‘हिंद में कटक से अटक तक स्वराज्य स्थापित करना है |’
उनके पुत्र राघोबा ने पंजाब पर विजय प्राप्त कर लिया था – महमूद गजनवी के 1017 ई के लाहौर विजय के पश्चात् पहली बार यह क्षेत्र इस्लामी आतंक से मुक्त हुआ था | दुःखदायी है कि भारतीय पाठ्यपुस्तकों में मराठा शौर्यगाथा अंकित नहीं है | # मोदीजी बदलें पाठ्यक्रम ताकि हमारे बच्चे अपना गौरवपूर्ण इतिहास जान पाएँ |