उत्तर भारत में आंधी और तूफान से भयंकर तबाही मचा चुकी है और अभी तक कुदरत के कहर का खतरा बरकरार है इस संबंध में मौसम विभाग ने सूचना जारी करते हुए कहा है कि अगले 72 घंटे भी उत्तर भारत के लिए खतरे से खाली नहीं होंगे. इन 72 घंटों में फिर से भयंकर धूल भरा तूफान आने की संभावना है और इसका असर सीमावर्ती इलाकों पर भी पड़ेगा.
हाल ही में आए तूफान से किस प्रकार की तबाही मची है इससे हर कोई वाकिफ है. उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग जिलों में आंधी और तूफान के कारण 100 लोगों से ज्यादा की मौत हो चुकी है जबकि कई घायल भी हुए हैं. इस तूफान के प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विशाल पेड़ जड़ सहित उखाड़ गए हैं भयंकर तूफान से हुई तबाही में घर और बिजली के खंबे भी शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश और राजस्थान में सबसे ज्यादा तबाही
अगर बात करें इस तूफान से हुए सबसे ज्यादा नुकसान की तो तूफान की सबसे ज्यादा मार उत्तर प्रदेश और राजस्थान ने झेली है. उत्तर प्रदेश में 73 लोगों की जानें गई हैं और राजस्थान में 36 तथा आंध्र प्रदेश में भी 18 लोगों की मौत हुई है. उत्तर प्रदेश के आगरा में जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है अकेले आगरा से 45 मौतें हुई हैं. बात करें उत्तर प्रदेश के अन्य राज्यों की तो बिजनौर में तीन, सहारनपुर में दो चित्रकूट राय बरेली बरेली और उन्नाव में एक 1 लोगों की मौत हुई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना प्रभावित क्षेत्रों पर तत्काल मदद के निर्देश दिए हैं तथा मृतकों को 4-4 लाख का मुआवजा भी देने का ऐलान किया है.
राजस्थान के सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले जिले भरतपुर धौलपुर और अलवर हैं जिनमें क्रम से 12, 10 और 5 लोगों की मौत हुई है. राजस्थान में भी अकस्मात प्राकृतिक आपदा के कारण गई लोगों की मृत्यु पर दुख प्रकट करते हुए जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख का मुआवजा तथा घायलों को 60-60 हजार रुपए देने का ऐलान किया है.