कल 3 बजे आये बाबा गुरमीत राम रहीम के फैसले के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में हिंसा बहुत ही भयानक तरीके से भड़की. बाबा के समर्थक/गुंडों ने आम जन जाति को जान और माल दोनों तरीको से बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया. हिंसा में 32 बेक़सूर लोगो की मौत हो गयी, आर्थिक हानि का तो बस अभी अंदाजा ही लगाया जा सकता हैं. स्थिति को काबू में लेन के लिए देश के कई राज्यों में धारा 144 लागू कर दी गयी हैं. इसी के चलते डेरा सच्चा सौदा के आश्रमों को भी खाली करा दिया गया हैं.
कल दोपहर 2 बजकर 55 मिनट पर फैसला आने के बाद बाबा दोषी साबित करार दिए गए. फैसला आने के कुछ ही देर बाद बाबा के समर्थको/गुंडों ने अपना आतंक दिखाना शुरू किया. पहले वाहनों को आग लगानी शुरू की, धीरे-धीरे पत्रकारों की गाड़ियों पर हमला करना शुरू कर दिया. इन हमलो के चलते कई मिडियाकर्मी और अन्य लोग घायल हो गए.
कुछ समय बाद लोगो के मारे जाने की खबरे सुर्खियों में आने लगी. मरने वालो की संख्या ने तूल पकड़ लिया, धीरे-धीरे मरने वालो की संख्या 32 तक जा पहुंची. समर्थक/गुंडों ने घरो, रेलवे स्टेशनों, पेट्रोल पम्पो,रेलगाड़ियों आदि को भी नहीं छोड़ा. देखते ही देखते सारा शहर आग की लपटों में समा गया. चारो ओर हाहाकार मचा रहा और आसमान में केवल काले रंग का धुआँ.
Rajasthan: Dera supporters set power sub-station office on fire in Sriganganagar,vehicle at sub-station premises also torched #RamRahimSingh pic.twitter.com/96GMb8suy3
— ANI (@ANI) August 25, 2017
आसमान में उठता धुआँ प्रशासन की नाकामी को बयाँ कर रहा था. जब सब कुछ पहले से प्रशासन को मालूम था, मीडिया में बाबा के समर्थको/गुंडों की धमकी भरे वीडियो भी आ रहे थे तो उस तरीके के इंतज़ाम क्यों नहीं रहे. क्यों सही समय पर सही निर्णय लिए गए. फैसला आने से कुछ देर पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने एक ट्वीट में ये भी कहा कि, कोर्ट का जो भी फैसला हो हम उसे स्वीकार करेंगे और लागू भी कराएँगे और सभी प्रकार के हालत के निपटने को तैयार हैं.
Action will be taken against those taking law in their hands, appeal everyone to remain cautious: Haryana CM ML Khattar #RamRahimVerdict pic.twitter.com/JnRrf0p74M
— ANI (@ANI) August 25, 2017
जब सभी हालातो से निपटने को तैयार थे तो क्यों हरियाणा को जलने दिया.
क्यों उन मासूमो को मरने दिया जो घर से केवल अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए निकले थे.
क्यों उन बच्चो के पापा को मरने दिया, जिनके छोटे छोटे बच्चे अब भी घर का दरवाजा तक रहे हैं.
क्यों लाल रंग की साडी पहने वाली को सफेद पोशाक पहने पर मजबूर कर दिया.
इन सब का जवाब प्रशासन के पास अब तक नहीं, प्रशासन के पास कुछ हैं तो बस शोक, निंदा और चिंता. इसके अलावा प्रशासन के पास कुछ नहीं हैं.