कांग्रेस के गढ़ मणिपुर में बीजेपी की सरकार आ गई. बीजेपी के एन बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. मणिपुर में सरकार बनने के साथ ही बीजेपी का बड़ा सपना पूरा हो गया.
मोदी सरकार बने अभी 3 साल भी नहीं हुए हैं और एक-एक कर पूर्वोत्तर के 3 राज्यों में बीजेपी की सरकार बन चुकी है. इसके पीछे मोदी की लुक ईस्ट पॉलिसी है. मोदी मैजिक के दम पर मई 2016 में असम में कांग्रेस की करारी हार के बाद बीजेपी की सरकार बनी. अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस के बागियों के बीजेपी में शामिल होने के बाद दिसंबर 2016 में बीजेपी की सरकार बनी, और अब मणिपुर में बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी है. इन तीनों राज्यों में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी.
लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने लुक ईस्ट नीति के तहत पूर्वोत्तर के विकास के एजेंडे के सामने रखा था. कांग्रेस मुक्त भारत की बात बार-बार दोहराई थी, इसके बाद आठों राज्यों की कुल 25 में से 10 सीटें एनडीए को मिली थी, कांग्रेस के गढ़ में ये बीजेपी की बड़ी सेंधमारी थी.
लोकसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी ने पूर्वोत्तर में पूरी ताकत झोंक रखी थी. अमित शाह ने पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद नॉर्थ ईस्ट को चुनौती के रूप में लिया. यहां बीजेपी का परचम फहराने के लिए बड़ा दांव चला, पहला कदम नॉर्थ ईस्ट डेवलपमेंट अलायंस बनाने का उठाया, विकास के नाम पर मई 2016 में बना ये गठबंधन पूर्वोत्तर में गैर कांग्रेसी दलों का बड़ा मोर्चा है.
इसमें नगा पीपल्स फ्रंट, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट, पीपल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल, असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट शामिल है. इसी अलायंस का कमाल है कि मणिपुर में आज बीजेपी की सरकार बन पाई है. जिसे नगा पीपल्स फ्रंट के 4 विधायकों का समर्थन हासिल है.
इस वक्त पूर्वोत्तर के 8 में से 3 राज्यों, असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार है. तो नागालैंड और सिक्किम में बीजेपी के सहयोगी दलों की सरकार है. अब बाकी बचे 3 राज्यों , त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय पर बीजेपी की नजर है, 2018 में त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम में चुनाव होने हैं, तीनों राज्यों में बीजेपी के पास एक भी सीट नहीं.
यहां बीजेपी विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है. पिछले साल मेघालय में आजादी के बाद पहली बार रेल लाइन पहुंचाई गई. तो पूर्वोत्तर को इस साल साढ़े तेरह हजार करोड़ की रेल परियोजनाओं की सौगात देने का ऐलान किया है.