3 फरवरी 1963 को भोपाल मध्यप्रदेश में जन्में रघुराम राजन की मां ने एक इंटरव्यू के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया की रघुराम राजन कभी मंदिर नहीं जाता हैं क्योंकि राजन का मानना हैं कि “अच्छें इंसान को मंदिर जाने की जरूरत नहीं होती हैं, क्योंकि ईश्वर अच्छें इंसान के साथ सदैव रहते हैं।”
अर्थात कर्म में विश्वास करने वाले रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के 23 वें गवर्नर एवं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रमुख आर्थिक सलाहकार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह कर देश के आर्थिक विकास में अपना विशेष योगदान दे चुके हैं। रघुराम राजन के पिता गोविंद राजन 1953 बैच के एक आईपीएस अफसर थे।
रघुराम राजन चार भाईयों में तीसरे स्थान पर आते हैं । रघुराम राजन अपने कार्यकाल में भले ही राजनेताओं को संतुष्ट नहीं कर पाएं लेकिन आम लोगों के लिए कम समय में इतना काम किया कि लोग उन्हें ‘मिडिल क्लास का मैन’ कहकर संबोधित करने लगे । लोग उन्हें यूं ही ‘मिडिल क्लास का मैन’ कहकर संबोधित नही करते थे ।
वे एकमात्र ऐसे गवर्नर बने जिन्होंने उच्च वर्ग के टैक्स और अर्थव्यवस्था के बारे में कभी नहीं सोचा बल्कि निम्न और मध्यम वर्ग के हिसाब से बैंक की स्कीम बनाई। पिछले तीन साल का ग्रोथ रेट बताती हैं कि अगर वे कुछ समय के लिए और अपने पद पर बने रहते तो शायद भारत की अर्थव्यवस्था में भारी बदलाव हो सकता था ।
जो देश के विकास में मिल का पत्थर साबित हो सकता था। अपने कार्यकाल के दौरान रुपया को मजबूती प्रदान करने वाले ‘मिडिल क्लास का मैन’ रघुराम राजन ने खुदरा महंगाई की दर को 9 प्रतिशत से कम कर 4 प्रतिशत तक लाकर “मिडिल क्लास का मैन” की उपाधि को सार्थक साबित किया। ऐसे महान अर्थशास्त्री को जन्मदिन की हार्दिक बधाई!
[स्रोत- संजय कुमार]