शहीदों के विचारों को आत्मसात करें

रुपनगढ कस्बे के तेजा मेमोरियल शिक्षण संस्थान रुपनगढ में महान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का 87वां शहीदी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था सचिव पुखराज ढाका व प्रधानाचार्य रामनिवास मेघवाल द्वारा शहीदों के चित्रपट पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित करके श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की गई। संस्था सचिव पुखराज ढाका ने कहा कि शहीद भगत सिंह देश के करोड़ों युवाओं के आदर्श है, हमें इनके विचारों को आत्मसात करते हुए देश सेवा में योगदान करना चाहिए।शहीदों के विचारों को आत्मसात करें

प्रधानाचार्य रामनिवास मेघवाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा हम शहीदों को नमन करते हुए कह सकते हैं कि – तुमने दिया देश को जीवन, देश तुम्हें क्या देगा, अपनी आंच तेज रखने को नाम तुम्हारा लेगा। प्रोग्रेसिव ग्रुप ऑफ इंडिया के संयोजक हरेंद्र सिंह कीलका ने कहा कि भगत सिंह का मानना था बम और पिस्तौल क्रांति नहीं लाते, इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।

हमारा देश राजनीतिक रूप से तो आजाद हो गया है पर आज भी आर्थिक व सामाजिक रूप से जनसंख्या के बड़े हिस्से को पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिल पाई है। हमें शहीदों के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेकर एकजुटता से कार्य करना होगा। देश से भय, भूख व भ्रष्टाचार जब समाप्त कर पाएंगे तभी हमारी शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हम सरकार से मांग करते हैं कि भगत सिंह व उनके साथियों को शहीद का दर्जा दिया जाए। इस मौके पर भाषण, पोस्टर प्रदर्शनी व निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।

साथ ही दयानंद सरस्वती छात्रावास रुपनगढ में “एक शाम शहीदों के नाम” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें हरेंद्र कीलका द्वारा छात्रों को डॉक्यूमेंट्री “इंकलाब” तथा हिंदी मूवी “23 मार्च 1931: शहीद” दिखाई गई। कार्यक्रम में पूरणमल, रणजीत नेहरा, गोपाल सिंह भाटी, रामस्वरूप चौधरी, लक्ष्मण भाट, अमर सिंह रत्नू, राजेश भारती सहित समस्त स्टाफ व छात्र मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रभु सिंह राजावत ने किया।

[स्रोत- धर्मी चंद]

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