चैंपियंस ट्रॉफी समाप्त हो गयी है जिसमें पाकिस्तान विजेता और भारत उपविजेता बना। अब भारतीय टीम का अगला मिशन 23 जून से वेस्ट इंडीज के खिलाफ होने वाली 5 मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला है। इस दौरे पर एक टी-20 मैच भी खेला जायेगा। हालांकि विश्व रैंकिंग में नंबर 9 की टीम वेस्ट इंडीज के खराब फॉर्म को देखते हुए भारत का यह श्रृंखला जीतना लगभग तय माना जा रहा है। अफगानिस्तान के खिलाफ वेस्ट इंडीज के लचर प्रदर्शन ने भारत की जीत की संभावनाएं प्रबल कर दीं हैं। लेकिन भारतीय टीम के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं हैं। पिछले दिनों बीसीसीआई में रामचंद्र गुहा ने प्रशासनिक समिति से इस्तीफा दिया। हालांकि उन्होंने अपना इस्तीफा देते वक्त व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया था लेकिन साथ ही बीसीसीआई में हितों के टकराव का आरोप भी लगाया था।
विवाद थमता उससे पहले ही भारतीय टीम के कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच मनमुटाव की बातें आने लगीं। लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान विराट कोहली ने इन बातों को महज अफवाह करार देते हुए मामले को दबाया था कि उनके और कुंबले के बीच कोई मतभेद नहीं हैं। लेकिन कल अचानक से अनिल कुंबले ने इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। यह इस्तीफा कोहली के रवैये पर गंभीर सवाल भी खड़ा करता है।
20 जून को अनिल कुंबले ने ट्वीट करके कहा कि बीसीसीआई ने उनको बताया कि कप्तान कोहली उनकी कार्यशैली से नाखुश हैं। यद्यपि बीसीसीआई ने मेरे और कप्तान कोहली के बीच पैदा मतभेदों को सुलझाने की कोशिश की लेकिन यह साफ लग रहा था कि इसके सुलझने की संभावना नहीं है। हेड कोच के रूप में अनिल कुंबले की सफलता से खुश सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वी.वी.एस.लक्ष्मण की क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (सी.ए.सी.) ने उनका कार्यकाल बढ़ाने की बात कही थी। कुंबले के कोच रहते हुए भारत ने कुल 17 टेस्ट मैच खेले जिसमें से 12 जीते और मात्र 1 मैच में हार का सामना करना पड़ा और 4 मैच ड्रा रहे। वहीं 13 एकदिवसीय मैचों में से 8 मैचों में भारत को जीत हासिल हुई है और 5 मैच में पराजित होना पड़ा। इन दोनों ही फॉर्मेट में जीत का प्रतिशत क्रमशः 70.59 और 61.54 है।
[ये भी पढ़े : राहुल द्रविड ने क्यों कहा महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह को टीम से बाहर करो]
इस इस्तीफे ने भारतीय कप्तान कोहली के अड़ियल रवैये को उजागर किया है। भारतीय क्रिकेट इतिहास में यह पहला मौका है जब कोच ने एक कप्तान से मनमुटाव के कारण इस्तीफा दिया है। इस मनमुटाव का असर चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भी साफ झलक रहा था। अनुभवहीन कोहली ने फाइनल मैच में लगातार एक के बाद एक कई गलत निर्णय लिए। चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान कप्तान कोहली कुंबले की कार्यशैली से अपनी असहमति प्रकट करते रहे और उनके आगे के कार्यकाल को लेकर नाखुश दिखे। कोहली के इसी अड़ियल रवैये के कारण ही व्यथित होकर, बेहद सफल कोच होते हुए भी कुंबले को इस्तीफे की पेशकश करनी पड़ी। क्रिकेट जगत से जुड़ी कई हस्तियों ने इस घटना को दुखद बताया है।