यूपी में बीजेपी की प्रचंड बहुमत के साथ जीत के बाद समाजवादी पार्टी में मंथन शुरु हो गया है. इसी पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधायकों की बैठक बुलाई. जिसमें शिवपाल यादव भी पहुंचे. करीब 3 घंटे तक चाचा-भतीजा यानी शिवपाल और अखिलेश आस-पास बैठे रहे. लेकिन, दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई.परिवार के झगड़े के बाद ये पहला मौका है, जब अखिलेश यादव और शिवपाल यादव साथ-साथ मंच पर दिखे.
यूपी में मोदी सुनामी में भी समाजवादी पार्टी के टिकट से चुनाव जीते उम्मीदवार बैठक में शामिल थे, पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक अखिलेश यादव ने बुलाई थी. बताया जाता है की मीटिंग में जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनाव जीते शिवपाल यादव भी मीटिंग में पहुंचे थे और विधायकों के बीच बैठ गए, आजम खान तुरंत शिवपाल को लेकर मंच पर आए और बगल की कुर्सी पर बैठाया. अखिलेश और शिवपाल तीन घंटे तक अगल-बगल में बैठे रहे लेकिन चाचा-भतीजा के बीच मीटिंग में कोई बातचीत नहीं हुई.
बैठक में अखिलेश यादव ने चुनाव जीतने वाले पार्टी विधायकों को बधाई दी और कहा कि आगे अभी और बड़ी लड़ाई लडनी है. पार्टी विधायकों ने नेता विधानमंडल दल चुनने का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सौंप दिया है. मीटिंग में अखिलेश ने पार्टी विधायकों के हौसला बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
समाजवादी पार्टी के नव निर्वाचित विधायकों की मीटिंग में EVM पर भी जमकर चर्चा हुई, समाजवादी पार्टी अगला विधानसभा चुनाव EVM की जगह बैलेट पेपर पर करवाने की मांग को बुलंद करने वाली है. मीटिंग में तय हुआ कि 18 मार्च को हारे हुए विधायकों की बैठक होगी, 19 मार्च को अखिलेश यादव ने जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है.
समाजवादी पार्टी जीत-हार का पूरा विश्लेषण करने में जुटी है. 25 मार्च को अखिलेश यादव ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.