योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस रखेगी. अब सीएम ने अफसरों और अपने मंत्रियों को कामकाज का रोडमैप भी समझा दिया है. योगी ने कहा है कि अफसर फाइल जल्द निपटाएं, मुख्यमंत्री सचिवालय में कोई भी लेटर बिना वजह नहीं रोका जाए, सभी मंत्री फाइल इंडेक्स बनाएं, तेजी से काम हो रहा है या नहीं इसकी निगरानी करें, किस तारीख को कौन सी फाइल आगे बढ़ी इसका हिसाब हो, 7 दिन में हर हाल में फाइल को निबटाया जाए.
इतना ही नहीं योगी सरकार ने राज्य पब्लिक सर्विस कमीशन के रिजल्ट को घोषित करने पर फिलहाल रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री योगी ने अपने पहले आदेश में सभी मंत्रियों को अपनी संपत्ति की पूरी जानकारी देने के लिए कहा है. सूबे के अफसरों से भी संपत्ति का पूरा ब्यौरा सीएम आफिस को देने का निर्देश दिया है. जिससे भ्रष्टाचार को खत्म किया जा सके और इसकी शुरूआत योगी ने अपने मंत्रियों से की है.
योगी आदित्यनाथ से साफ-साफ कह दिया है कि अब लेट-लतीफी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी, उन्होंने निर्देश दिया है कि सभी मंत्री और अधिकारी सुबह साढ़े 9 तक दफ्तर पहुंचा करें, घर से नहीं दफ्तर में आकर मंत्रालय का काम करेंमतलब, नए मुख्यमंत्री फुल एक्शन में हैं और वो सूबे के तंत्र को दुरूस्त करने के लिए किसी को नहीं छोड़ने का इरादा पहले ही साफ कर चुके हैं.
योगी आदित्यनाथ ने 25 एकड़ जमीन देना का फैसला किया है, अगले हफ्ते इस पर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. इस म्यूजियम के लिए केंद्र सरकार ने 150 करोड़ रुपए का बजट रखा है. लेकिन, अब तक इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है. अब सूबे में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से म्यूजियम की जमीन को लेकर फंसा पेंच सुलझ गया है. इसी महीने 27 तारीख को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या जानेवाले हैं. मतलब, योगी सरकार कम से कम समय में जनता से जुड़े हर बड़े मुद्दे पर तेजी से फैसले ले रही है, और पूरा सिस्टम एक्शन में हैं.