गुड्स एंड सर्विस टैक्स जीएसटी 1 जुलाई से पूरे देश में लागू कर दिया गया है। जीएसटी परिषद ने करीब 1200 बस्तियों और 500 सेवाओं को 5,12 ,18 तथा 28 प्रतिशत कर की श्रेणी में रखा है। जीएसटी आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है। जीएसटी लागू होने के बाद सभी वस्तुओं और सेवाओं पर एक जैसा टैक्स लगाया जाएगा।
जीएसटी की परिभाषा मोदी की नजर में-:
प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी को “गुड एंड सिंपल टैक्स” बोलकर नया नाम दे दिया। मोदी जी ने जनता को संबोधित करते हुए जीएसटी से होने वाले लाभों के बारे में बताया, उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद देश में भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम लग सकेगी साथ ही आतंकवाद को काफी हद तक रोका जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से देश आर्थिक एकीकरण के साथ ही सामाजिक रुप से भी एक हो सकेगा। 29 राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों में जीएसटी लागू होने से पूरा देश एकीकरण के धागे में बंध सकेगा।
जीएसटी कैसे काम करेगा-:
जीएसटी तीन रूप में कार्य करेगा
1-: केंद्रीय जीएसटी
2-: राज्य जीएसटी
3-: इंटीग्रेटेड जीएसटी
जीएसटी के तीनों अंगों में केंद्रीय जीएसटी व इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र लागू करेगा वहीं राज्य जीएसटी राज्य सरकार लागू करेंंगी।
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जीएसटी के फायदे-:
जीएसटी लागू होने से निम्न व मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिल सकेगी क्योंकि रोजमर्रा की अधिकांश बस्तुओं को जीरो फीसदी टैक्स के दायरे में रखा गया है। इसके साथ ही एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान बेचने पर केवल एक टैक्स देना होगा।जबकि जीएसटी लागू होने से पहले एक उत्पाद को कई करों से गुजरना पड़ता था जिससे सामान की कीमत आम आदमी तक पहुंचने तक महंगी हो जाती थी। प्रत्येक सामान तथा सर्विस पर लगने वाले टैक्स में पारदर्शिता आएगी, टैक्स के कारण राज्यों की सीमाओं की बाधाएं समाप्त हो जायेंगी। टैक्स चोरी पर विराम लगेगा तथा विकास दर में वृद्धि होगी।
जीएसटी किसको देना होगा-:
20 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों, ट्रेडर और मैन्यूफैक्चरर्स को जीएसटी देना होगा।20 लाख से कम सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। विशेष श्रेणी तथा पूर्वोत्तर राज्यों के लिए यह सीमा 10 लाख रूपये की है परन्तु अन्तर्राष्ट्रीय कारोबार के लिए कोई सीमा नहीं है।


















































