प्रस्तुत पक्तियो में कवियत्री दुनियां से याचना कर रही है कि वह समय की कीमत को समझे. दुनियां ये जाने की समय बहुत ही बलवान है, वह अपनी तेज़ गति से बढ़ता ही चले जा रहा है, और वह हमे समय भी नहीं देता ये सोचने का कि हम सब इस दुनियां में बस कुछ ही पल के मेहमान है, इसलिए वक़्त रहते अपने यहाँ होने के मकसद को पहचानो और सबसे मधुर सम्बन्ध रखें.
क्योकि आने वाले कल में क्या लिखा है? किसी को नहीं पता, हर पल हम मृत्यु की तरफ बढ़ रहे है पर समय हमे समय नहीं देता ये सब सोचने का, हम अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखते, हम छोटी छोटी बातो पर अपनों से झगड़ते है ये भूल जाते है कि एक दिन हम सब को यहाँ से जाना है तो क्यों न हम सिर्फ खुशियां फैला कर, कुछ बड़ा करे, जिससे लाखो का भला हो.
क्यों न हम कुछ ऐसा करके जाये जिससे हमारे जाने के बाद भी हमारे द्वारा बनाई रचना से हम लोगो के दिल में सदा के लिए बस जाये, फिर लोग चाह कर भी हमे भूल ना पाये, हमारे कर्मो की यादें इतिहास के पन्नो में जगमगाये.
अब आप इस कविता का आनंद ले
समय समय पर समय निकाल कर,
समय को समझना पड़ता है.
इस समय की कीमत को ना समझ,
तू क्यों हर रोज़, अपनों से छोटी छोटी बातो पर लड़ता है???
ये समय का घोड़ा तो अपनी रफ़्तार से भागा जा रहा है.
इस बात को भुलवा कर, काल हर वक़्त तुम्हे अपनी ओर बुला रहा है.
बेखबर कर वो इस बात का पता तुम्हे चलने नहीं देता.
माया जाल में उलझा कर, वो तुम्हे तुम्हारे अपनों से दूर कर देता.
वक़्त रहते वक़्त की कीमत को जानो,
मेहमान हो कुछ पल के यहाँ,
इस बात की गहराई को भी मानो.
हर क्षण कुछ अनोखा कर आगे बढ़ते जाओ.
अपनों से प्यार कर, दूसरों से भी मधुर सम्बन्ध बनाओ.
तुम्हारा आज जब कल इतिहास बनकर आयेगा.
तुम्हारी कहानी सुन रोता हुआ भी मुस्कुरायेगा.
क्योकि किसी ने खूब कहाँ है.
जीना इसी का नाम है.
विशेष:- ये पोस्ट इंटर्न प्रेरणा महरोत्रा गुप्ता ने शेयर की है जिन्होंने Phirbhi.in पर “फिरभी लिख लो प्रतियोगिता” में हिस्सा लिया है, अगर आपके पास भी है कोई स्टोरी तो इस मेल आईडी पर भेजे: phirbhistory@gmail.com.
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