नोटबंदी के बाद से डिजिटल पेमेंट में क्रांति लाने वाले पेटीएम के मालिक विजय शेखर शर्मा अब WhatsApp पेमेंट से घबरा रहे हैं जिसके चलते Paytm संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने WhatsApp पर आरोप लगाते हुए कहा है कि Facebook के मालिकाना हक वाले WhatsApp के यूपीआई पेमेंट से ग्राहक को की सुरक्षा खतरे में है और यह सरकारी दिशा निर्देशों के भी खिलाफ है.जी हां, WhatsApp के दुनिया भर में कितने यूजर हैं यह तो हम सभी जानते हैं और अगर ऐसे में WhatsApp पेमेंट डिजिटल लेनदेन की सोच को बदल कर रखने की क्षमता रखता है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में WhatsApp के 230 मिलियन से अधिक यूजर हैं. इसी के चलते Paytm संस्थापक विजय शेखर शर्मा भी सकपका रहे हैं जिसके चलते उन्होंने एक ट्वीट भी किया और उस ट्वीट के उन्हें रिप्लाई भी काफी मिले.
After failing to win war against India’s open internet with cheap tricks of free basics, Facebook is again in play.
Killing beautiful open UPI system with its custom close garden implementation.
I am surprised, champions of open @India_Stack , let it happen ! https://t.co/wIsNuF1AiB— Vijay Shekhar Sharma (@vijayshekhar) February 14, 2018
विजय शेखर शर्मा ने कहा है कि हम चाहते हैं कि सबके साथ एक जैसा व्यवहार किया जाए और WhatsApp लॉगिन और पासवर्ड नहीं मांगता ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से यह एक बड़ा खतरा है. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए विजय शेखर शर्मा ने कहा है कि WhatsApp पेमेंट के लिए बीटा टेस्टिंग चल रही है और अभी तक उसमें लॉगिन और पासवर्ड की सुविधा नहीं है और मुझे नहीं लगता कि आगे भी इसमें कोई बदलाव आएगा.
इतना ही नहीं विजय शेखर शर्मा ने Facebook पर आरोप लगाते हुए कहा है कि Facebook पैसा कमाने के लिए यूपीआई सिस्टम से छेड़छाड़ कर रहा है जिसके चलते शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत में फ्री इंटरनेट की लड़ाई हारने के बाद Facebook अब यूपीआई जैसे सिस्टम के साथ खिलवाड़ कर रहा है.
अभी तक WhatsApp की तरफ से शर्मा के इन सवालों का कोई जवाब नहीं आया है मगर कई अन्य लोगों द्वारा विजय शेखर शर्मा के इस ट्वीट का रिप्लाई आया है आइए जानते हैं किस ने क्या रिप्लाई किया.
Those complaining abt Whatsapp are the same folks who refuse to entertain neutral payment options(like @MobiKwik )on their own ecom websites/apps and instead promote only captive wallets. A standard of interoperability should incl wallet acceptance as well 2/n
— Bipin Preet Singh (@BipinSingh) February 14, 2018
मोबिक्विक के सह-संस्थापक बिपिन प्रीत सिंह ने विजय शेखर शर्मा की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि WhatsApp पेमेंट का विरोध करने वाले वही लोग हैं जिन्होंने अपनी वेबसाइट और ऐप पर न्यूट्रल पेमेंट के विकल्पों का इस्तेमाल होने से रोक दिया था.
All companies threatened by Whatsapp payments are going to tag it as anti national and try to pull it down as it’s hard to win on merit against network effects of Whatsapp.
This strategy worked for Patanjali and wonder if it will work for payment companies.
— Kunal Shah (@kunalb11) February 14, 2018
वहीं फ्रीचार्ज के CEO कुणाल शाह ने अपने ट्वीट में कहा कि जिन कंपनियों को WhatsApp पेमेंट से डर लग रहा है वह इसे एंटी नेशनल घोषित कर सकते हैं क्योंकि WhatsApp के पहुंचकर प्रभाव से जीतना बहुत मुश्किल है.
और यह बात सही है जिसके पास इतने ज्यादा यूजर हो तो उसके लिए यह एक बहुत बड़ा मार्केट है और सभी इस बात से बखूबी वाकिफ हैं कि WhatsApp के अंदर बाजार बदलने की ताकत भी है.