होटल में कई सुविधाएँ और हो सकती हैं। उनमें से भोजन की व्यवस्था, कसरत की व्यवस्था, तैराकी की व्यवस्था, दावतों, कॉन्फ़्रेन्सों के लिए अलग स्थान की व्यवस्था, आदि शामिल हैं। हमारे जिंदगी का होटल एक ऐसी जगह बन गयी है। की अभी उसके बिना नही चलेगा कोई मित्र आया चलो होटल, बर्थ डे पार्टी, शादी की पार्टी, बँचलर पार्टी, या फॅमिली के साथ हॉटेल मै खाना हम लोग जाते है।
कन्स्ट्रक्शन पे काम करने वाले, कम्पनी में काम करने वाले, मजदूर, फेरीवाले, रोड पे काम करने वाले लोग अकसर होटल में खाना खाते है। लेकिन होटल में जीएसटी कुछ अलग ही प्रकार से चार्ज की जाती है।
होटल में जब से शुरू मै जीएसटी आ गयी थी। तभी हमारा बिल वँट के साथ आता था। उसके बाद जीएसटी आने के बाद सभी होटलो को इनपुट क्रेडिट दे दिया था। मगर हमने कभी देखा नही की मेनू कार्ड से वँट कम करके जो आया। वह कीमत मेनू कार्ड मैं छपने होगी। उसके बाद जीएसटी चार्ज करनी होगी।
कल से होटल मालक और बिक्रेता वँट के ऊपर जीएसटी चार्ज करते है। और ग्राहको फँसते है। कल रात से अगर होटल मालक अपने मेनू कार्ड में सुधार नही करेंगे उनके ऊपर करवाई की जायेगी। ऎसा अन्न नगरी पुरवाठा मंत्री गिरीश बापट ने कहा।
जो लोग ऎसा नही करेंगे उनके लिये। महाराष्ट्र सरकार ने हेल्पलाईन नं 1800225900 दिया है। नया मूल्य का स्टिकर दर्शनी बाजू मैं लगना होगा। ऎसा आदेश अन्न नगरी पूरवठा गिरीश बापट ने किया। लोगों के रोज का वापर होने वाली चीज़े की किमंते काम हो जाय। यह बात जीएसटी कॉऊसीलीग की बैठक शुक्रवार को गुवाहटी मै थय हुआ।
एसी और नॉन एसी रेस्तरां के लिये जीएसटी का दर 18 प्रतिशत 12 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत किया है।
कल के बाद से, देश के सभी रेस्तरां कम जीएसटी दर से प्रभावित हुए हैं। अब सभी होटलों को 5 प्रतिशत जीएसटी के रूप में गिना जाएगा।
[स्रोत- बालू राऊत]