लिखना इसलिए जरूरी हो गया है क्योंकि आज की दुनिया मैं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जितना ज्यादा पॉपुलर हो गया है कि हर व्यवसाय उस को अपनाना चाहता है और जब मात्रा बढ़ती है तो गुणवत्ता घटती है मजबूरन यह कहना पड़ रहा है कि आज की दुनिया में और आज के परिवेश में हमारे समाज में लिखने वालों की मात्रा घट गई है और हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर आश्रित हो गए इसी वजह से स्वाभाविक रूप से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की गुणवत्ता हट गई है.
मेरा मतलब यह नहीं है इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सच्चाई से परे है इलेक्ट्रॉनिकबहुत कुछ किया है लेकिन प्रिंट मीडिया का इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने कभी स्थान नहीं लिया है और यह भी सच है कि कभी भी लिखा हुआ कार्य बेकार नहीं जाता है ऑडियो विजुअल तात्कालिक होते हैं और राइटिंग वर्क लॉन्ग टाइम के लिए होता है या यूं कहें कि एक धरोहर के रूप में होता है इसलिए हम अपने बच्चों के लिए क्या छोड़कर जा रहे हैं यह हमें सोचना पड़ेगा एक वीडियो एक दिन देखने के बाद दूसरे दिन पुराना हो जाता है लेकिन रामचरित्रमानस और हमारे धर्म ग्रंथ कुरान बाइबिल गुरु ग्रंथ साहिब आदि कई धार्मिक और वैज्ञानिक ग्रंथ या पुस्तकें सालों से चले जाने के बाद भी अभी पुराने नहीं हुए हैं बल्कि और ज्यादा मजबूत और ज्यादा उपयोगी और ज्यादा सीख देने वाले देने वाले हो गए हैं सुभद्रा कुमारी चौहान ने हिंदी में कविता के अंश में लिखा है
बढ़ जाता है मान वीर का,
रण में बलि होने से ।
मूल्यवति होती है,
भसम यथा सोने से।।
इसलिए हम आपके द्वारा जो लिखा जाएगा वह दीर्घकालिक होगा और छाप छोड़ने वाला होगा इसी आशा और विश्वास के साथ मैं युवाओं का आवाहन करता हूं फिर लिखो और तलवार से मजबूत कलम को बनाओ।
? कप्तान सिंह यादव