क्या व्यापार जगत गो-हत्या का नया नियम मानेगा

new laws of Gau hatya

गोहत्या पर बने कुछ नए कानून ने सभी वर्गों के लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. देश में इसको लेकर एक नए तरह का माहौल देखने को मिल रहा है. साथ ही इसको लेकर हम न्यूज चैनलों पर होने वाली बहसों को भी सुनते है लेकिन स्थिति जस-की-तस बनी हैं.

निचला वर्ग जिसे हम एक किसान की श्रेणी मे भी ला सकते है या फिर उन कसाईयों को कह सकते है जिनके लिए किसी का मांस बेचना तो किसी के लिए पशुओं द्रारा कृषि करना. यही माध्यम इनके लिए व्यापार होता हैं लेकिन केंद्र सरकार ने इन सब बातों को दरकिनार करते हुए पशुओं के साथ क्रुरता के रोकथाम वाले नियम में कुछ आम बदलाव करते हुए मवेशियों के बेचे जाने के कुछ नए नियम बनाए हैं.

नए नियम के तहत अब कसाईयों द्रारा मांस की कटाई के लिए मवेशियो को बेचा नही जा सकेगा. इसमें गाय, भैंस, बकरी आदि शामिल हैं. साथ ही नया नियम में इन सभी जानवरों के काटने पर पूरी तरह से रोक लगाया जा चुका हैं. अतः यह अब आपको मेलों या फिर मंडीयो से सीधे खरीदने पर रोक की बात कही गई हैं. यदि हम थोड़े उँचे तबके की बात करे तो व्यापारी वर्ग का भी कहना है कि भारत को अपने नए नियम मे बदलाव करने चाहिए क्योकि भारत कई छोटे-बड़े देशों को बीफ सप्लाई करता है जो भारत की जीड़ीपी मे अहम योगदान निभाता है.

ऐसे में हर किसी के मन में कुछ सवालों का उठना लाज़मी है. अगर हम किसानों की बात करें जो अपने डेयरी का व्यापार करता है, लेकिन अचानक से उसकी गाय ने दूध देना बंद कर दिया(शायद अपने पर हो रहे इतने विवादों को लेकर) ऐसे में किसान ऐसी कौन-सी मंड़ी या मेले को खोजेगा जो उसकी गाय का उचित मूल्य चुका दें क्योकि गायों और अन्य जानवरों का काटना तो कानून के विरुद्ध है और यदि कोई कसाई किसी किसान की गाय को खरीदता है तो वह अपनी व्यापार की तंगी के कारण किसान को उसका उचित मुल्य देने मे असमर्थ होगा.

वही दूसरी ओर बूचड़खानों पर भी भारी गाज गिरने की संभावना है. इससे किसी भी वैध बूचड़काने मे गाय या किसी अन्य जानवर को काटना किसी कसाई के लिए अत्यंत मुश्किल हो जाएगा. हाल ही में यूपी में योगी सरकार ने सभी प्रकार के वैध और अवैध बूचड़खानों को बंद किया जिससे यूपी में नई सरकार को लेकर एक गहमागहमी का माहौल था. अंतः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाकर वैध बूचड़खानों को दोबारा से शुरु करने का आदेश दिया.

नए नियम का एक बुरा असर चमड़ा कारोबार पर भी पड़ेगा. जिससे तकरीबन लाखों लोग जुड़े हुए है और इसे अपनी जिंदगी मानकर इस व्यापार को कर रहे हैं. जरा पीछे की दुनिया मे झॉककर देखे तो कैंद्र सरकार ने पिछले माह सभी गायों के लिए एक यूनिक आधार कार्ड लागू करने का फैसला लिया था.

जिसके बाद से सभी लोगों को जो इस व्यापार से जुड़े है गाय पर लगे आधार कार्ड वाली गाय ही दी जाएगी. जिससे माहौल अशांत न हों. क्या सरकार इसमे गाय के अलावा और जानवरों को शामिल नही कर सकती. मतलह साफ था कि गोहत्या के नाम पर होने वाली गुंड़ागर्दी बंद हों लेकिन सरकार ने इस फैसले पर अमल न कर साल 1960 मे बने कानून में संशोधन कर दिया.

विशेष:- ये पोस्ट इंटर्न कपिल मिश्रा ने शेयर की है जिन्होंने Phirbhi.in पर “फिरभी लिख लो प्रतियोगिता” में हिस्सा लिया है, अगर आपके पास भी कोई स्टोरी है. तो इस मेल आईडी पर भेजे: phirbhistory@gmail.com

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.