भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) अंतरिक्ष के क्षेत्र में दिनों दिन नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है जो अपने देश के लिए बहुत ही सम्मान की बात है। एक तरफ जीएसएलवी मार्क 3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग करके भारत ने इतिहास रच दिया वहीं 29 जून को इसरो ने जीसैट-17 को फ्रेंच गुयाना के कोरू से सफलतापूर्वक लॉन्च करके अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल कर ली। GSAT-17 एक महीने में लॉन्च किया गया तीसरा उपग्रह है।
GSAT-17 क्या है?
GSAT-17 एक संचार उपग्रह है, जिसका निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के द्वारा 17 दूरसंचार उपग्रह के बेड़े को मजबूत करने के लिए तथा विभिन्न प्रकार की संचार सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए किया गया है। इस उपग्रह में मौसम डेटा रिले भी लगे हुए हैं जिससे मौसम संबंधी जानकारी हासिल हो सकेगी। इसके साथ ही उपग्रह आधारित तलाशी एवं बचाव कार्य से जुड़े आंकड़े लाने में भी यह उपग्रह सक्षम है।
GSAT-17 की मुख्य बातें
1-: जीसैट-17 ‘3477 किलोग्राम‘ वजन वाला भारतीय संचार उपग्रह है।
2-: इस उपग्रह में मौसम विज्ञान संबंधी आंकड़ों और उपग्रह पर आधारित खोज और बचाव संबंधी उपकरण भी लगाए गए हैं।
3-: जीसैट-17 जीएसएलवी मार्क 3 और पीएसएलवी-सी 38 के बाद तीसरा भारतीय उपग्रह है जिसे एक माह के अंदर ही सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है।
4-: जीसैट-17 भारत के संचार उपग्रहों की स्वदेश निर्मित प्रौद्योगिकी है जिसका उपयोग ऑडियो डाटा और वीडियो प्रसारण के लिए किया जाता है
5-: जीसैट-17 को जियो सिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) से एरियन-5 बीए- 238 प्रक्षेपण यान से लॉन्च किया गया है।
6-: जीसैट-17 का परिचालन लगभग 15 वर्ष के लिए किया गया है।