तो क्या, अमरोहा में ‘चाऊमीन की चटनी’ खाने से हो रही है बंदरों की मौत

यूपी के अमरोहा में बंदरों के मरने की खबरें लगातार सामने आ रही है जिसमें स्थानीय लोगों का कहना है कि अब तक 100 से ज्यादा बंदर मर चुके हैं मगर इसी संबंध में जंगल विभाग के अधिकारियों इस बात को नकार दिया है. हालांकि बंदरों की मौत की वजह जानने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा. Dead Monkey

मामला कहां का है ?

अमरोहा जिले के आदमपुर थाना इलाके के ढवारसी गांव में पिछले सात-आठ दिनों से लगातार बंदरों के मरने का सिलसिला जारी है हालांकि अभी तक बंदरों की मौत का सही कारण पता नहीं चल पाया है मगर स्थानीय लोगों द्वारा तरह-तरह के संदेह जताया जा रहे हैं और इतना ही नहीं ग्रामवासियों को यह भी चिंता है कि यह बीमारी कहीं ग्रामीणों को ना लग जाए.

क्यों मर रहे हैं बंदर ?

ग्राम प्रधान पति राजीव अग्रवाल के अनुसार अब तक करीब 100 से ज्यादा बंदरों की मौत हो चुकी है इस पर उन्होंने प्रशासन से बंदरों की मौत का कारण जानने के लिए जांच की मांग की है. जिसके बाद पशु चिकित्सा विभाग और वन विभाग की टीमों ने गांव में जाकर बंदरों को दवाईयां देनी शुरू कर दी हैं.

शुरुआती लक्षणों में तो बंदरों का मरना किसी तरीके का जहर दिया जाना माना जा रहा था मगर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर तेजपाल सिंह का कहना है कि जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें यह पाया गया है कि जिन बंदरों की मौत हुई है उनका पेट खाली था मतलब उन्होंने तीन-चार दिनों से कुछ नहीं खाया था और साथ ही उनके फेफड़े और लिवर भी ख़राब पाए गए हैं.

गांव वालों के अनुसार बंदरों की मौत खूनी दस्त से हो रही है और गांव वालों का यह भी कहना है कि यह सब चाऊमीन की चटनी से हो रहा है. जी हां गांव वालों ने अपनी बात को प्राथमिकता देते हुए कहा है कि चाऊमीन चटनी के कारण ही बंदरों की मौत हो रही है मगर मौत की असली वजह क्या है यह तो विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा.

फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद बंदरों का बिसरा आरवीआई बरेली भेजा गया है. जिससे बंदरों की मौत का सच सामने आ सके. वहीं जो बंदर बीमार हैं उनका इलाज किया जा रहा है.

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