लखीसराय जिले से कई किलोमीटर दूर बसा हैं । श्रृंगी ऋषि का धाम जो सड़क मार्ग के पथरीले रास्ते से हो कर गुजरती हैं । एवं कई सारे ऊँची-ऊँची पहाड़ो से घिड़ा है । बाबा श्रृंगी ऋषि का धाम सावन के महीने आते ही भक्त वहां पूजा अर्चना एवं मन्नत मांगने के लिए पहुँचते हैं । ऐसी मान्यता हैं, की वहां जो भी भक्त सच्चे मन से श्रृंगी ऋषि धाम में पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते हैं ।
उनकी मन्नत पूरी होती है । सावन के अंतिम सोमवारी के दिन हजारो की संख्या में भक्तो ने श्रृंगी ऋषि धाम में पूजा अर्चना की जानकारी के अनुसार बता दे की श्रृंगी ऋषि धाम में ऐसी मान्यता हैं । की राजा दशरत पुत्र की प्राप्ति के लिए श्रृंगी ऋषि धाम पधारे थे । कहा यह भी जाता हैं की बाबा श्रृंगी ऋषि के प्रताप से राजा दशरथ को भगवन राम सहित चारो पुत्रो की प्राप्ति हुई उसके बाद राजा दशरथ ने अपने पुत्रो का यहाँ मुंडन करवाया था ।
इसी वजह से यहाँ पे कई जिले से एवं आसपास के क्षेत्रो से लोग आते हैं । एवं कई सारी महिलाएं पुत्र की प्राप्ति के लिए श्रृंगी ऋषि धाम आते हैं । इस धाम में भगवान शिव एवं माता पार्वती की अदभुत मूर्तियाँ विराजमान हैं । आपको बता दे की श्रृंगी ऋषि धाम में एक स्नान कुण्ड भी हैं । जो भी भक्त श्रृंगी ऋषि धाम आते हैं । सबसे पहले इस अदभुत कुण्ड में स्नान कर श्रृंगी ऋषि समेत भगवन शिव, माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती हैं । एवं मन्नते मांगी जाती हैं, वहां के स्थानीय लोगो ने बताया की इस कुण्ड में स्नान करने से कई सारी बीमारियाँ दूर होती हैं ।
पहाड़ो के बिच स्नान कुण्ड में जड़ी बूटियों का पानी आता हैं । इस पानी से लोग वहां पे खाना पकाते हैं और वही पानी पीते हैं । कहा जाता हैं, की इस पानी से खाना बहुत ही स्वादिष्ट बनता हैं । यह भी कहा जाता हैं, की जो पर्यटन श्रृंगी ऋषि धाम घुमने पहुचते हैं । वे चाबल की खिचड़ी अवश्य पका के खाते है जो बहुत ही स्वादिष्ट बनता हैं । लेकिन श्रृंगी ऋषि धाम में जो कुण्ड हैं । उसमे पानी का श्रोत कहा से आता हैं । पानी कहा से निकलती हैं । इसका अभी तक कोई पता नही लगा पाया हैं ।
[स्रोत- राजू कुमार]