हर रोज़ एक नई सुबह होती है, एक नई किरण के साथ। आज की सुबह भी हुई अपनी नई किरण के साथ, पर आज एक विशेष पर्व मकर सक्रांति भी है। मकर सक्रांति को पतंगों का उत्सव कहे तो भी उचित ही होगा क्योकि इस दिन बच्चे एवम युवा वर्ग के लोग पतंग उड़ाते है, तो वही दूसरे वर्ग के लोग उड़ते हुए पतंगों का लुफ्त उठाते हुए नज़र आ जाते है।
आज ऐसा ही नज़ारा रहा, तारानगर के आसमान का । तारानगर का सुबह सुबह साफ दिखता हुआ आसमान 10 बजे तक पूरी तरह से मकर सक्रांति के रंग में रंगा हुआ नजर आया । आज तारानगर के आसमान में पक्षी कम तथा पतंग उड़ती हुई ज्यादा नज़र आई। लोग अपने घरों की छत से पतंग उड़ाते हुए नज़र आये, साथ ही ये कटी-वो कटी की आवाजें भी लोगो के मुह से निकलती हुई सुनी गई। तथा गलियों में टूटी हुई पतंग को पकड़ने के लिए दौड़ लगाते हुए बच्चे भी साफ दिखाई दिए।
मकर सक्रांति से पहले चाइनीज़ माझे को लेकर हुई जागरूकता अभियान, सोशल मीडिया पर चाइनीज़ माझे के उपयोग को लेकर जागरूकता, प्रशासन द्वारा की गई आवश्यक कार्यवाही से इस बार माझे पर थोड़ा अंकुश लगा हुआ दिखा। और खबर लिखे जाने तक चाइनीज़ माझे के उपयोग या उससे किसी प्रकार की घटना सुनने को नही मिली।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]