सपा परिवार की कलह को आज कौन नहीं जानता. कौन नहीं जानता कि सपा परिवार में आजकल क्या चल रहा है. किस प्रकार सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके भाई शिवपाल की गैरमौजूदगी में अखिलेश यादव को सपा पार्टी का अध्यक्ष चुना गया.
मगर आज डॉ राम मनोहर लोहिया के 51वें स्मृति दिवस के मौके पर बाप और बेटे का एक साथ आना उनकी अनवन खत्म हो जाने का संकेत दे रहा है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव दोनों डॉ राम मनोहर लोहिया पार्क में साथ पहुंचे और राममनोहर लोहिया की प्रतिमा को माल्यार्पण किया.
माल्यार्पण कार्यक्रम के दौरान अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया. इस कार्यक्रम में दोनों की मौजूदगी यह स्पष्ट कर रही है कि दोनों में सुलह हो चुकी है मगर इस कार्यक्रम में भी शिवपाल यादव मौजूद नहीं थे मतलब साफ है कि शिवपाल अभी कहीं ना कहीं अखिलेश यादव से नाराज हैं.
Lucknow: Former Uttar Pradesh CM Akhilesh Yadav and Mulayam Singh Yadav paid tributes on Ram Manohar Lohia's death anniversary. pic.twitter.com/V2bZbLrVhT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 12, 2017
माल्यार्पण कार्यक्रम के बाद अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव दोनो लोहिया ट्रस्ट पहुंचे जहां पर शिवपाल यादव ने दोनों बाप बेटे का जोरदार स्वागत किया. मीडिया द्वारा सुलह के सवाल किए जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि पिता जी का आशीर्वाद सदैव मेरे सर पर बना रहेगा.
इस पर मुलायम सिंह यादव से सवाल किए जाने पर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मेरा आशीर्वाद तो सपा पर पहले से ही बना हुआ है मगर रोज-रोज आशीर्वाद भी तो नहीं दिया जाता.
इससे पहले कई बार यह चर्चा में भी सामने आ चुकी थी कि मुलायम सिंह यादव अपनी पार्टी बना रहे हैं मगर कुछ दिनों पहले उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बिल्कुल साफ कर दिया था कि मैं अखिलेश यादव के कुछ फैसलों से नाराज हैं मगर नई पार्टी नहीं बना रहे हैं.